एनएच पर खड़े नगर निगम के वाहन, राहगीर परेशान
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। शहर के सबसे व्यस्त मार्ग बदरीनाथ मार्ग पर सड़क किनारे काफी संख्या में वाहन खड़े रहते है। जिस कारण शहर में जाम लगा रहता है। नगर निगम के वाहन भी मालवीय उद्यान के पास सड़क किनारे ही खड़े रहते है। जबकि निगम की ओर से वाहनों के लिए देवीरोड में पार्किंग बनाई हुई है। स्थानीय लोग काफी समय से सड़क किनारे से वाहन हटाने की मांग कर रहे है, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हो रही है।
नगर निगम क्षेत्र में कहीं भी पार्किंग स्थल नहीं है। इसके चलते वाहन चालकों का जहां पर मन करता है वहां पर वाहनों को पार्किंग कर देते है। इससे सड़क पर जाम की स्थिति बनी रहती है। पुलिस ने शहर में जाम से निपटने के लिए योजना तैयार की। पुलिस प्रशासन ने पूर्व में ट्रायल के लिए झण्डाचौक से मालवीय उद्यान तक सड़क के बीच में दुपहिया और कार को खड़ी करने का निर्णय लिया था। करीब दो माह से सड़क के बीच में ही वाहनों को पार्क किया जा रहा है, लेकिन मालवीय उद्यान से कोतवाली की तरफ सड़क किनारे नगर निगम सहित अन्य वाहन खड़े रहते है। जिस कारण सड़क की चौड़ाई बहुत ही कम हो गई है। वहीं मालवीय उद्यान से झण्डाचौक तक लोग सड़क के बीच के अलावा सड़क किनारे भी वाहन खड़े कर देते है। जिस कारण राहगीरों सहित वाहन चालकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। नगर निगम की ओर से देवीरोड में वाहनों के लिए पार्किंग स्थल बनाया गया है। लेकिन निगम के वाहन वहां पार्क होने के बजाय बदरीनाथ मार्ग पर सड़क किनारे खड़े हो रहे है।
पुलिस प्रशासन की ओर से झण्डाचौक से मालवीय उद्यान तक सड़क के बीच में की गई पार्किंग का विरोध पूर्व में व्यापारियों ने किया था। व्यापारियों ने तत्कालीन उपजिलाधिकारी योगेश मेहरा से पार्किंग को पूर्व की भांति सड़क किनारे करने की मांग की थी, लेकिन अभी तक वाहनों को सड़क के बीच में पार्क कराया जा रहा है। व्यापारियों का कहना है कि बदरीनाथ मार्ग पर पार्किंग व्यवस्था को पूर्व की भांति किया जाना चाहिए। वर्तमान पार्किंग से बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उधर, नगर निगम कोटद्वार के नगर आयुक्त किशन सिंह नेगी ने कहा कि वाहनों को सड़क किनारे खड़ा करना गलत है। कर्मचारियों को निगम के वाहनों को निर्धारित पार्किंग स्थल में खड़ा करने को कहा जाएगा।
ऑटो और रेहड़ी वाले भी जिम्मेदार
इन दिनों ऑटो चालक और रेहड़ी वाले भी ट्रैफिक सिस्टम पर गहरी चोट लगा रहे हैं। शहर के बिगड़े ट्रैफिक सिस्टम को लेकर वे काफी हद तक जिम्मेदार हैं। इन पर कार्रवाई करने के लिए कई बार पुलिस अधिकारियों की ओर से निर्देश जारी किए गए, लेकिन हुआ कुछ नहीं। आगे-आगे पुलिस अधिकारी ऑटो चालकों को समझाते जाते हैं और पीछे-पीछे वे दोबारा से अपनी मन मानी पर उतर आते हैं। नजीबाबाद रोड, देवी रोड, बदरीनाथ मार्ग, गोखले मार्ग, पटेल मार्ग, झण्डाचौक पर रेहड़ी वालों का पूरा कब्जा रहता है। वहीं ऑटो चालक भी जहां मर्जी वहां ऑटो खड़ा कर देते है और जहां पर सवारी दिखी वहीं पर ब्रेक लगा दिए और उधर ही ऑटो मोड़ लिया। कई बार तो ये ऑटो हादसे का कारण भी बनते हैं। सवारी देखकर एक दम ब्रेक लगाने से पीछे से आ रहा वाहन सीधा ऑटो में टकरा जाता है। शहर में अगर कहीं पर भी सबसे भयानक जाम लगता है वह इन सड़कों पर ही लगता है। मालगोदाम रोड पर सड़क किनारे खड़ी टै्रक्टर ट्रालियां अन्य वाहनों को गुजरने में गतिरोध पैदा करती हैं।
पार्किंग होना जरूरी
शहर में लगातार आबादी बढ़ रही है वाहनों का दबाव भी दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। लेकिन सड़कें वहीं की वहीं है। शहर में वाहनों का दबाव तो बढ़ा लेकिन उन्हें व्यवस्थित ढंग से पार्किंग करने के लिए पार्किंग स्थल कहीं नहीं बनाया गया। पार्किंग व्यवस्था न होने से शहर की सड़कों पर जाम लगा रहता है। शहर में ऐसी कोई भी मुख्य सड़क नहीं होगी जिस पर जाम न लगता हो। सुबह शाम सड़कों पर वाहनों की कतारें लगी रहती हैं। लोगों का भी इसमें दोष नहीं है जब पार्किंग व्यवस्था ही नहीं है तो उन्हें मजबूरी में सड़क किनारे वाहन पार्किंग तो करना ही पड़ेगा।