वेतन-अनुदान में छेड़छाड़ को लेकर गरजे शिक्षक
नई टिहरी। उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ की जिला कार्यकारिणी की बैठक में अनुदान में छेड़छाड़ और पदों की समाप्ति को लेकर कड़ा विरोध किया गया। बैठक में अशासकीय विद्यालयों के साथ सौतेला व्यवहार अपनाने का आरोप सरकार पर लगाया गया। सरकार के नकारात्मक रवैये के कारण अशासकीय विद्यालयों का पठन-पाठन प्रभावित होने की बात भी कही। संघ ने आंदोलन की चेतावनी भी दी है। नगर पालिका सभागार में उमाशिसं की बैठक जिलाध्यक्ष महादेव मैठाणी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में अशासकीय विद्यालयों के वेतन व भत्ता अनुदान में छेड़छाड़ व पदों को समाप्त करने के सरकार के आदेश के विरोध में कड़ा ऐजराज जाहिर किया गया। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि लंबे समय से अनुदान प्राप्त विद्यालयों को लेकर सरकार निरंतर नकारात्मक आदेश जारी कर रही है। जिससे शिक्षकों में असंतोष व असमंजस की स्थिति बनी हुई है। जबकि अशासकीय विद्यालय लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। साजिशन अशासकीय विद्यालय के रिक्त पदों को समाप्त करने का काम भी किया गया है। जिससे इन विद्यालयों को पठन-पाठन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। अशासकीय विद्यालयों के साथ लगातार सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। जबकि पलायन के रोकने में भी अशासकीय विद्यालय अहम भूमिका निभा रहे हैं। अशासकीय विद्यालयों को सोची-समझी साजिश के तहत प्रभावित करने का काम किया जा रहा है। यदि सरकार ने अपने इन आदेशों को निरस्त न किया तो मजबूरन शिक्षक आंदोलन को बाध्य होंगे। संघ के उपाध्यक्ष सतीश थपलियाल ने कहा कि अशासकीय विद्यालयों के शिक्षकों के गोल्डन कार्ड तत्काल बनाकर सामुहिक बीमा कटौती आरंभ की जाय। इस मौके पर नवीन बडोनी, देवेंद्र, श्रीकोटी, राजेश रमोला, हरिकृष्ण सेमवाल, देव सिंह कोहली, राधाकृष्ण, दीपांकर रतूड़ी, ममता थपलियाल, जयवीर, राजू लाल, सुनील उनियाल, नीशा, नरेश आदि मौजूद रहे।