उत्तराखंड

झंडे लगाने को लेकर विहिप-बजरंग दल की पुलिस से नोकझोंक

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रुद्रपुर। हिन्दू नववर्ष को लेकर शहर के मुख्य चौराहे डीडी चौक पर झंडा लगाने को लेकर विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग और गोरक्षा दल समेत अन्य संगठनों की पुलिस के साथ नोकझोंक हो गई। आदर्श आचार संहिता प्रभावी होने की बात कहते हुए पुलिस ने झंडा लगाने से मना कर दिया। इसको लेकर काफी देर तक पुलिस के साथ कार्यकर्ताओं की बहस हुई। हालांकि बाद में कोतवाल के समझाने पर कार्यकर्ता मान गए और वहां से चले गए। गुरुवार को शहर के मुख्य चौराहे पर हिन्दू नववर्ष का झंडा लगाने को लेकर विहिप, बजरंग दल और गोरक्षा दल के कार्यकर्ताओं की पुलिस से तीखी नोंकझोक हुई। झंडा लगा रहे संगठनों के लोगों को जब पुलिस ने रोकने का प्रयास किया तो उन्होंने पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध किया। उनका कहना था कि वह हर वर्ष हिन्दू नववर्ष के उपलक्ष्य में झंडे लगाते हैं। ऐसे में पुलिस इस धार्मिक मामले में हस्तक्षेप न करे। वहीं मौके पर पहुंचे कोतवाल धीरेंद्र कुमार ने संगठन के लोगों को लोकसभा चुनाव के चलते प्रभावी आदर्श आचार संहिता का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि आचार संहिता लागू होने के चलते इस तरह से झंडे चौराहों पर बिना अनुमति के नहीं लगाए जा सकते हैं। इस पर विभिन्न संगठन के जुड़े लोग भड़क गए। उनकी पुलिस से काफी देर तक नोकझोंक होती रही। विश्व हिन्दू परिषद के सुल्तान सिंह ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हिन्दू नववर्ष के दो दिन बाद शहर में झंडा लगाने का कार्य किया जा रहा है, लेकिन पुलिस प्रशासन ने झंडे नहीं लगाने दिए। वहीं कोतवाल धीरेंद्र कुमार ने लोगों को समझाते हुए कहा कि आदर्श आचार संहिता के चलते किसी भी सार्वजनिक स्थल पर बिना अनुमति लिए झंडे लगाने का कार्य नहीं किया जा सकता है। बाद में कोतवाल के समझाने पर कार्यकर्ता मान गए। इस दौरान राजेश सक्सेना, रंजीत साहनी, रमेश पाल, लक्ष्मण सनी, अखिलेश अग्रवाल, हरीश यादव, सुधीर दास गुप्ता, लखन पंडित,जोगेंद्र चौहान, शंकर गुप्ता आदि मौजूद रहे।

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