श्रीनगर गढ़वाल : उत्तराखंड में साहित्य पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गढ़वाल विश्वविद्यालय के पर्वतीय पर्यटन और आतिथ्य अध्ययन केंद्र की पहल पर सुमित्रानंदन पंत पर्यटन पथ पर सर्वेक्षण कर वृतचित्र का मंगलवार को लोकार्पण किया गया।
कार्यक्रम में गढ़वाल विवि के कुलपति प्रो. मनमोहन सिंह रौथाण, पर्वतीय पर्यटन और आतिथ्य अध्ययन केंद्र के पूर्व निदेशक प्रो. एससी बागड़ी और विभाग के निदेशक प्रो. आरके ढोड़ी ने संयुक्त रूप से सुमित्रानंदन पर्यटन पथ पर निर्मित डॉक्यूमेंट्री के साथ हिमालयन टूरिज्म पत्रिका का विमोचन किया। सुमित्रानंदन पंत पर्यटन पथ का सर्वेक्षण और डॉक्यूमेंटेशन पर्यटन विभाग के परियोजना अधिकारी डा. सर्वेश उनियाल के नेतृत्व और संयोजन में संपादित किया गया। डॉक्यूमेंटेशन में सुमित्रानंदन पंत पर्यटन पथ स्थल कौसानी, गरुड़, बैजनाथ, ग्वालदम, सोमेश्वर, स्यूनारकोट, कटारमल, अल्मोड़ा आदि स्थलों को दर्शाया गया है। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि प्रो. एससी बागड़ी ने इसे अभिनव प्रयास के साथ राज्य में विशिष्ट पर्यटन के अवसर की संभावना के द्वार खोलने का प्रयास बताया। कहा कि प्रकृति, पर्यावरण के साथ साहित्य और रचनात्मकता की पर्यटन विधा के लिए उत्तराखंड हिमालय पूरी देश और दुनिया के लिए सबसे आकर्षक गंतव्य बन सकता है। इस प्रकार का पर्यटन रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म को प्रोत्साहित करता है। कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक गढ़वाल विवि के कुलपति प्रो. एमएमएस रौथाण ने विभाग के प्रयास की सराहना करते हुए राज्य नियोजन में इस तरह के सर्वेक्षणों को उपयोगी बताया। कहा कि सामुदायिक सहभागिता और पर्यटन नियोजन के लिए विश्वविद्यालय ऐसे अनेक सर्वेक्षणों तथा डॉक्यूमेंटेशन में निरंतर प्रयास करेगा। कहा कि ऐसे विभागों को विश्वविद्यालय प्रोत्साहित करेगा। गढ़वाल विवि के कुलसचिव और केंद्र के निदेशक प्रो. राकेश ढोडी ने बताया कि विभाग द्वारा पूर्व में स्वामी विवेकानंद पर्यटन पथ, महात्मा गांधी पर्यटन पथ सहित गंगा पथ पर पूर्व में सर्वेक्षण और डॉक्यूमेंटेशन किया है। कहा कि ऐसे अनेक विषयों पर सर्वेक्षण के साथ संस्तुतियां राज्य के पर्यटन विकास में सहायता प्रदान करेंगी। कार्यक्रम में प्रो. रश्मि, डॉ. अनुराग गोयल, जनसंपर्क अधिकारी आशुतोष बहुगुणा, डॉ. अनिल कुमार आदि मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. राहुल बहुगुणा ने किया। (एजेंसी)