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विदेशियों से दोस्ती के चक्कर में ठगे जा रहे नौजवान

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हरिद्वार। साइबर ठगों ने अब सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक को ठगी का हथियार बना लिया है। शातिर ठग फेसबुक पर विदेशी युवक-युवतियों के भेष में छिपे हुए हैं। विदेशियों से दोस्ती के चक्कर में नौजवान ठगे जा रहे हैं। विदेशी ठग दोस्त के रूप में हजारों डॉलर व महंगे गिफ्ट भेजने का झांसा देते हैं। जिसके बाद कस्टम फीस के नाम पर बैंक खातों में रकम डलवाते हैं। नौजवान साइबर ठगों के जाल में फंसकर रकम गवां रहे हैं। इंटरनेट क्रांति ने मीलों की दूरियां समेट दी हैं। सात समुंदर पार बैठा कोई भी शख्स पलक झपकते ही एक दूसरे के संपर्क में आ जाते हैं। लेकिन, इसके साइड इफेक्ट भी लगातार सामने आ रहे हैं। साइबर ठग अभी तक एटीएम सत्यापन का झांसा देकर या एटीएम कार्ड बदलकर ऑनलाइन शॉपिग करते हुए कमाई लूट रहे थे। मगर अब ठगों ने फेसबुक को ठगी का माध्यम बना लिया है। अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन व आस्ट्रेलिया के युवक और युवतियों के नाम से फर्जी फेसबुक आइडी बनाकर शातिर ठग भारतीय युवक-युवतियों से दोस्ती गांठते हैं। सामने से विदेशी युवक या युवती की फ्रेंड रिक्वेस्ट देखकर थोड़ी-बहुत अंग्रेजी की जानकारी रखने वाले ज्यादातर यूजर खुद को एक्सेप्ट करने से नहीं रोक पाते। इसके बाद बातचीत का दौर शुरू हो जाता है। हफ्ते-दस दिन बातचीत होने पर ठग खुद को मालदार और परिवार का इकलौता बेटा या बेटी बताते हैं। इसके बाद हजारों डॉलर व महंगे गिफ्ट भेजने का लालच देते हैं। नाम पते और मोबाइल नंबर की जानकारी लेने के बाद विश्वास दिलाने के लिए इंटरनेशनल कूरियर एजेंसी की रसीद भी भेजी जाती है। इसके बाद मोबाइल पर अंजान नंबर से कॉल आती है। ठग कस्टम अधिकारी बनकर फोन करते हैं और विदेश से गिफ्ट बॉक्स आने की जानकारी देते हुए कस्टम फीस मांगते हैं। बैंक खाता नंबर देकर उसमें रकम डलवाई जाती है। पैसे पहुंचते ही विदेशी मित्र की आइडी हमेशा के लिए बंद हो जाती है। फेसबुक पर खुद को लंदन, अमेरिका, कनाडा का निवासी बताने वाले ठग वास्तव में पूर्वोत्तर राज्यों में रहते हैं। अभी तक के केस में जिन बैंक खातों में रकम डलवाई गई है, वह सब आसोम, नागालैंड, मेघालय आदि राज्यों में हैं।
फेसबुक के जरिए धोखाधड़ी के मामले हाल फिलहाल में सामने आए हैं। ऐसे मामलों में एफआइआर भी कराई गई है। जांच करते हुए ठगों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। साइबर ठगों से सावधान करने के लिए खासतौर पर स्कूल कॉलेजों के छात्र-छात्राओं को जागरुक किया जा रहा है।
– सेंथिल अवूदई कृष्णराज एस, एसएसपी हरिद्वार

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