राम वनवास का मंचन देख भावुक हुए दर्शक
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: गढ़ श्री रामलीला कमेटी आमपड़ाव की ओर से आयोजित रामलीला में राम वनवास व भरत मिलाप का मंचन किया गया। इस दौरान रामलीला मंचन देख दर्शक भावुक हो उठे।
आमपड़ाव में आयोजित रामलीला राम वनवास का मंचन किया गया। पिता की आज्ञा का पालन करते हुए भगवान राम, सीता व लक्ष्मण वन को प्रस्थान करते हैं। वहीं, पुत्र वियोग में राजा दशरथ तड़प उठते हैं। आखिरकार वह श्रीराम को पुकारते हुए दम तोड़ देते हैं। उनके देहांत के बाद अयोध्या के दूत भरत और शत्रुघ्न को उनके ननिहाल से वापस बुला लाते हैं। अयोध्या वापसी पर भरत-शत्रुघ्न को मां कैकयी द्वारा महाराजा दशरथ से मांगे गए दो वचनों, राम के बनवास और रामवियोग में पिता दशरथ की मृत्यु होने का समाचार मिलता है। भरत मां कैकयी को बहुत बुरा भला कहते हैं और राम से मिलने वन की तरफ दौड़ पड़ते हैं। भरत मिलाप के बाद राम से वापस चलने की मनुहार करते हैं, लेकिन राम मना कर देते हैं। भरत भी राजपाट संभालने से इंकार करते हैं, तो राम अपनी खड़ाऊं देकर उन्हें विदा करते हैं। भरत सर पर खड़ाऊं लेकर अयोध्या लौट जाते हैं। रामलीला शुभारंभ गोपाल सिंह रावत द्वारा किया गया था। इस मौके पर प्रधानाचार्य ओम प्रकाश कंडवाल, कमेटी के अध्यक्ष डॉ.अजीत कुमार, संदीप नैनवाल, बलवंत सिंह नेगी, चंद्र शाह, प्रवेंद्र राणा, आशाराम आदि मौजूद रहे।
दुगड्डा में निकाली राम बारात
दुगड्डा में आयोजित रामलीला मंचन के दौरान नगर क्षेत्र में भव्य राम बारात झांकी निकाली गई। जगह-जगह लोगों ने राम बारात का स्वागत किया। वहीं, पंडाल में भी रामलीला देखने के लिए दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ी रही। राम बारात मंचन के दौरान पूरा पंडाल जय श्री राम के जयघोष से गूंज उठा।