विवाह और पारिवारिक संरचना को लेकर व्यक्त किये विचार
श्रीनगर गढ़वाल : गढ़वाल विवि के अंग्रेजी विभाग में दक्षिण कोरिया में शुरू हुए 4बी आंदोलन पर विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया। इस मौके पर कला संकाय की संकायाध्यक्ष प्रो. मंजुला राणा और अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. मोनिका गुप्ता ने इस विषय की प्रासंगिकता और सामाजिक प्रभावों पर चर्चा की। प्रो. राणा ने कहा कि 4बी आंदोलन महिलाओं को विवाह, डेटिंग, यौन संबंध और प्रजनन से स्वतंत्र रहने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह आंदोलन पितृसत्तात्मक सामाजिक संरचनाओं के विरुद्ध महिलाओं के आत्मनिर्भर और स्वतंत्र जीवन जीने की वकालत करता है, लेकिन भारत में परिवार व्यवस्था सुदृढ है, जिसके लिए ऐसे आंदोलन घातक होंगे। पैनल में शामिल छ: विशेषज्ञों ने इस आंदोलन के विभिन्न पहलुओं और भारतीय समाज पर इसके संभावित प्रभावों का विश्लेषण किया। प्रो. मोनिका गुप्ता ने भारतीय सामाजिक और सांस्कृतिक संदर्भ में इस आंदोलन की प्रासंगिकता पर विचार साझा किए। वहीं प्रो. शकुंतला रौथाण और प्रो. दीपक कुमार ने भारतीय समाज में विवाह और पारिवारिक संरचना को लेकर अपने विचार रखे। हिंदी विभाग के डॉ. कपिल देव पंवार ने 4बी आंदोलन फेमिनिज्म विचारधारा से अलग बताया। डॉ. सविता भंडारी ने इस संगोष्ठी के आयोजन के लिए धन्यवाद दिया। मंच संचालन शोधार्थी सिमरन नौडियाल, सौरभ सिंह पडियार, निर्मला और राजेंद्र ने किया। (एजेंसी)