बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर भड़का ग्रामीणों का गुस्सा

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धुमाकोट व नैनीडांडा में बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था पर ग्रामीणों ने रोष व्यक्त किया है। कहा कि बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के कारण ग्रामीण पलायन को मजबूर हो रहे हैं। प्रदेश सरकार को जल्द से जल्द पहाड़ में व्यवस्था को बेहतर बनाने पर ध्यान देना चाहिए।
सोमवार को ग्रामीणों ने धुमाकोट में धरना दिया। इसके उपरांत वह रैली निकालते हुए तहसील परिसर में पहुंचे। जहां उन्होंने प्रशासन के माध्यम से जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजा। ग्रामीणों ने कहा कि प्रदेश सरकार गांव में बेहतर व्यवस्था देने का दावा कर रही है। लेकिन स्वास्थ्य केंद्र धुमाकोट व नैनीडांडा में स्वास्थ्य व्यवस्था बेपटरी हो चुकी है। अस्पताल में चिकित्सक व अन्य स्टाफ की पर्याप्त तैनाती तक नहीं है। कई बार अस्पताल में छोटी बीमारियों का इलाज होना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा के लिए बड़े शहरों की दौड़ लगानी पड़ती है। पूर्व सैनिक श्याम सिंह रावत ने कहा कि व्यवस्थाओं में सुधार के लिए क्षेत्रवासियों को एकजुट होकर संघर्ष करना होगा। कहा कि नैनीडांडा के किसी भी स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक व दवाएं तक उपलब्ध नहीं हैं। ग्रामीणों ने धुमाकोट व नैनीडांडा स्वास्थ्य केंद्र पर एक्सरे मशीन, अल्ट्रासाउंड मशीन तकनीशियन के साथ उपलब्ध कराने की मांग उठाई। कहा कि चिकित्सालय में जिन चिकित्सकों की तैनाती की गई है वह अधिकांश समय गैरहाजिर ही रहते हैं। वह नियमित अस्पताल में बैठे, विभाग को इसका ध्यान रखना चाहिए। इस मौके पर जिला पंचायत सदस्य राहुल बिष्ट, ग्राम प्रधान जगमोहन सिंह रावत, ग्राम प्रधान पटोटिया संजना देवी, कुलदीप रावत, शिशुपाल सिंह, सोबन सिंह बिष्ट, प्रेम सिंह रावत, गिरधर सिंह रावत, घमंड सिंह बिष्ट, रणवीर सिंह, महिपाल सिंह, सूरज रावत, गबर सिंह आदि मौजूद रहे।

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