गुलदार के आंतक से निजात दिलाने को ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

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मृतक के परिवार को 25 लाख मुआवजा और परिवार के सदस्य को नौकरी देने की मांग
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : पोखड़ा क्षेत्र में लगातार बढ़ रही गुलदार की घटनाओं से परेशान ग्रामीणों ने मंगलवार को चौबट्टाखाल तहसील में जोरदार प्रदर्शन किया। जनप्रतिनिधियों ने कहा कि जानवरों के हमले में मृत्यु होने पर परिवार को कम से कम 25 लाख का मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए। जबकि घायल व पशु हानि पर भी उचित मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री और वन मंत्री को ज्ञापन भेजकर समस्या के निराकरण की मांग की।
मंगलवार को डिग्री कॉलेज चौबट्टाखाल से होते हुए जनप्रतिनिधि और ग्रामीण तहसील मुख्यालय तक जुलूस की शक्ल में पहुंचे। इस मौके पर जनप्रतिनिधियों ने कहा कि गांवों के आसपास गुलदार का आतंक बढ़ता ही जा रहा है, इससे लोग खेतों और रास्तों पर जाने से भी डर रहे हैं। सीएम और वन मंत्री को भेजे ज्ञापन में मांग की कि गांवों से सटे 100 मीटर क्षेत्र को गुलदार मुक्त बनाया जाए। झाड़ियां और अनावश्यक उग आए पेड़-पौधों की सफाई हो। मुख्य मार्गों और स्कूलों तक जाने वाले रास्तों के किनारों की झाड़ियों को भी हटाया जाए। संवेदनशील गांवों में प्राथमिकता के आधार पर जालीनुमा बाढ़ कराई जाए और सुरक्षा चाहने वाले ग्रामीणों को बंदूक का लाइसेंस मिले। प्रदर्शन करने वालों में ब्लाक प्रमुख पोखड़ा संजय गुंसाई, पूर्व प्रमुख सुरेंद्र सिंह रावत, जिला पंचायत सदस्य पूनम कैन्तुरा, बलवंत सिंह, कांग्रेस प्रदेश सचिव कविन्द्र ईष्टवाल, सुधीर सुंद्ररियाल, दिग्विजय सिंह रावत, लाल सिंह भंडारी, यशपाल सिंह, गिरधारी सिंह, राजे सिंह, मतवार सिंह आदि शामिल रहे।

बाघ और गुलदार की गिनती की जाएं
जनप्रतिनिधियों ने कहा कि जंगलों में वन्यजीवों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था वन विभाग करे, ताकि वे रिहायशी इलाकों की ओर न आएं। बाघ और गुलदार की गिनती होनी चाहिए व उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कॉलर आईडी जैसी कोई सुविधा भी। अवैध शिकार रोकने के लिए पेट्रोलिंग टीम गठित होनी चाहिए।

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