जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए तहसील के चक्कर काटने को मजबूर ग्रामीण
जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया को सरल बनाने की मांग
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : जन्म और मृत्यु प्रमाण बनवाने की जटिल प्रक्रिया के कारण ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रधान संगठन के जिला अध्यक्ष कमल रावत एवं सामाजिक कार्यकर्ता जगमोहन डांगी ने तहसील स्तर पर जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया के सरलीकरण की मांग करते हुए कहा कि प्रमाण पत्र बनाने की जटिल प्रक्रिया के कारण ग्रामीण तहसील के चक्कर लगाने को मजबूर है। बार-बार तहसील के चक्कर लगाने से ग्रामीणों का समय के साथ-साथ धन भी बर्बाद हो रहा है।
प्रधान संगठन के जिला अध्यक्ष कमल रावत, प्रधान संगठन के पूर्व अध्यक्ष जगपाल सिंह नेगी के नेतृत्व में ग्रामीणों ने बुधवार को उपजिलाधिकारी पौड़ी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। इस दौरान उन्होंने बताया कि 21 दिन से पहले जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र तो ग्राम पंचायत स्तर पर ही बन जाते हैं, लेकिन किन्हीं कारण बिलंब होता है तो इसके बाद जन्म एवं मृत्यु प्रमाण बनवाने के लिए प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट से शपथ पत्र देकर ग्राम पंचायत सचिव से जांच आख्या मांगी जा रही है। उसके बाद तहसील प्रशासन द्वारा राजस्व उपनिरीक्षक से भी जांच आख्या मांगी जा रही है। जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि एक ओर तो डिजिटल इंडिया की बात करते है, वही दूसरी ओर जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आज भी अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ रहे है। जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत अधिकारियों की होती है, लेकिन एक-एक ग्राम पंचायत अधिकारी के पास 10 से 15 ग्राम पंचायत का कार्यभार होता है। ऐसे में ग्राम पंचायत अधिकारी का आसानी से मिलना मुश्किल होता हैं। जिस कारण ग्रामीण तहसील के चक्कर काटने को मजबूर है।