जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: दशकों पहले धुमाकोट बाजार में बने आवासीय और व्यावसायिक मकानों के मालिकों को प्रशासन द्वारा बेदखली नोटिस दिए जाने का ग्रामीणों व व्यवसायियों ने विरोध किया है। विरोध जताते हुए पीड़ित लोगों का कहना है कि सात आठ दशक पहले उनके दादा-परदादाओं ने मकान बना लिए थे। जिसमें वे स्वरोजगार के माध्यम से परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं। तहसील प्रशासन द्वारा दशकों बाद बेदखली का नोटिस दिए जाने से ग्रामीणों व व्यवसाय कर परिवार का भरण-पोषण करने वाले लोगों के लिए भारी संकट पैदा हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि इन मकानों से सड़क यातायात या अन्य कोई राजकीय कार्य बाधित नहीं हो रहे हैं। गामीणों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर प्रशासन की कार्यवाही को अविलंब रोककर नियमितीकरण करने की मांग की है।
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने इस संबंध में प्रशासन की कार्यवाही का विरोध किया है। उनका कहना है कि प्रशासन द्वारा चारागाह बताकर वर्षों पहले बने मकानों में स्वरोजगार कर परिवार का भरण-पोषण करने वाले ग्रामीणों के खिलाफ बेदखली की कार्यवाही करना अन्यायपूर्ण है। कांग्रेस पार्टी पीड़ित लोगों के साथ खड़ी रहकर प्रशासन की जन विरोधी कार्यवाही के खिलाफ आंदोलन करेगी। ज्ञापन देने वालों में पुष्कर सिंह, हजारी सिंह, गिरधर सिंह, विक्रम सिंह, जगमोहन सिंह, जिपंस अजीत सिंह, मदन मोहन, हरीश रावत, संजय सिंह, ललित मोहन, कृपाल सिंह, नरेंद्र सिंह, सोहन सिंह, दर्शन सिंह आदि शामिल थे।