जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : प्रखंड रिखणीखाल के ग्राम जुई में पिछले कई माह से बाघ की धमक बनी हुई है। मंगलवार तड़के बाघ ग्रामीण गांधी सिंह के आंगन में धमक गया। ग्रामीणों के शोर मचाने के बाद बाघ वापस जंगल की ओर भाग गया। गांव में लगातार बढ़ रही बाघ की धमक से ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है।
जुई गांव का अधिकांश भाग जंगल से सटा हुआ है। ऐसे में आए दिन गांव में बाघ की धमक बन रही है। सुबह करीब सात बजे ग्रामीण गांधी सिंह के पुत्र सुनील को बाघ अपने आंगन में बैठा हुआ दिखाई दिया, जिसके बाद उन्होंने फोन पर अन्य ग्रामीणों को इसकी सूचना दी। ग्रामीणों ने शोर मचाते हुए बाघ को गांव से बाहर भगाया। ग्रामीण वीरेंद्र सिंह, सुरेंद्र सिंह ने बताया कि गांव के आसपास फेंसिंग लाइन भी लगाई गई है। बावजूद बाघ उसे लांघ कर गांव में प्रवेश कर रहा है। गांव में बाघ की धमक से ग्रामीणों का घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है। शाम ढलते ही पूरा गांव सूना हो जा रहा है। सबसे अधिक परेशानी बच्चों को स्कूल भेजने व लाने में हो रही है। अभिभावक स्वयं ही बच्चों को स्कूल छोड़ने व लेने के लिए जा रहे हैं। कहा कि ग्रामीणों को बाघ से निजात दिलवाने के लिए वन विभाग को गंभीरता से कार्य करना चाहिए। ग्रामीणों ने गांव में वनकर्मियों की गश्त करवाने के साथ ही बाघ को कैद करने के लिए पिंजरा लगवाने की मांग की है।