प्रभावित बल्दियाखान के ग्रामीणों ने मांगा विस्थापन

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नई टिहरी : ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन निर्माण में टनलों में किये जा रहे विस्फोटों से चलते बल्दियाखान गांव के कई मकानों में दरारें पड़ गई हैं। प्रभावित ग्रामीणों ने एसडीएम नरेंद्रनगर से मुलाकात कर मामले में वार्ता की। ग्रामीणों ने पूर्ण विस्थापन की मांग करते हुए शासन-प्रशासन से शीघ्र सकरात्मक निर्णय लेने की मांग की। गुरुवार को ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन निर्माण से प्रभावित बल्दियाखान के प्रभावितों का एक प्रतिनिधिमंडल विमला रयाल के नेतृत्व में एसडीएम नरेंद्रनगर आशीष घिल्डियाल व तहसीलदार अयोध्या प्रसाद उनियाल से मिला। वार्ता में प्रभावितों ने कहा कि करीब 4 वर्ष पूर्व रेलवे सुरंग निर्माण में डायनामाइट विस्फोटों से उनके मकानों पर गहरी दरारें पड़ गई थी। आरबीएल व स्थानीय प्रशासन से ग्रामीणों वार्ताओं के बाद ग्रामीणों को मकानों की मरम्मत करने के लिए धनराशि प्रदान की गई थी। लेकिन मकानों मरम्मत के कुछ समय बाद फिर से उनके मकानों में दरारें निरंतर बढ़ती जा रही हैं। कहा कि टनल में हो रहे भारी विस्फोटों से उनके मकान बर्बाद होते जा रहे हैं और टनल के ऊपर मकानों की स्थिति जर्जर होने से उन्हें दोहरी मार झेलने को मजबूर होना पड़ रहा है। प्रभावितों ने पूर्व में मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई न होने पर बीते 25 नवंबर को गूलर के रेलवे टनल मुहाने पर अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी दी थी। जिसके बाद एसडीएम ने प्रभावितों को वार्ता के बुलाया। एसडीएम ने प्रभावितों को 10 दिनों के भीतर गांव में मकानों का जूलॉजीकल डिपार्मेंट, लोनिवि, राजस्व विभाग और रेलवे विकास निगम के संयुक्त सर्वे करवाने की आश्वासन दिया। प्रतिनिधिमंडल में मदन रयाल, मुकेश रयाल, परेश्वर फोंदणी आदि शामिल रहे। (एजेंसी)

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