कोटद्वार की सड़कों पर उतरे आमसौड़ के ग्रामीण
आमसौड़ में आपदा से बचाव के लिए कार्य करने की उठाई मांग
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : दुगड्डा ब्लॉक के आमसौड़ गांव में आपदा से बचाव का कार्य नहीं होने पर ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त किया है। सोमवार को ग्रामीण बड़ी संख्या में कोटद्वार पहुंचे और शासन-प्रशासन के खिलाफ आक्रोश रैली निकाली। कहा कि वर्ष 2023 से पूरा गांव आपदा की जद में आया हुआ है। बावजूद अब तक आपदा को रोकने के लिए धरातल पर कोई कार्य नहीं किया गया। नतीजा ग्रामीण पलायन के लिए मजबूर हो रहे हैं। इस वर्ष भी ग्रामीणों को आपदा से काफी नुकसान झेलना पड़ा है।
हिंदू पचायती धर्मशाला से रैली लेकर ग्रामीण तहसील परिसर में पहुंचे। यहां उन्होंने उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि आमसौड़ कस्बा पिछले साल से आपदा की मार झेल रहा है। पिछले वर्ष भी 23 अगस्त को भारी बारिश के कारण गांव के ऊपर स्थित पहाड़ी से भूस्खलन हुआ था और उस समय भी ग्रामीणों को बहुत नुकसान उठाना पड़ा था। इस वर्ष भी 6 जुलाई और 23 अगस्त की भीषण बारिश से भी ग्रामीणों का बहुत नुकसान हुआ और उन्हें अन्यत्र शरण लेनी पड़ी। वर्तमान में गांव से कई परिवार पलायन कर चुके हैं और कई परिवार अपने रिश्तेदारों के यहां शरण लेने पर मजबूर हैं। कहा कि पूर्व में ही ग्रामीणों की ओर से शासन-प्रशासन को आपदा के संबंध में अवगत करा दिया गया था, लेकिन शासन की ओर से केवल मौका मुआयना किया गया। ग्रामीणों ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि अगर पिछले वर्ष ही आपदाग्रस्त क्षेत्र का ठोस व तकनीकी रूप से उपचार किया जाता तो स्थित इतनी भयावह नहीं होती। गांव का जनमानस अपने जानमाल के प्रति चिंतित है और पलायन को मजबूर है। कहा कि आपदा के कारण बसे बसाए गांव का अस्तित्व ही संकट में आ गया है, वहीं सरकारी मशीनरी आपदाग्रस्त क्षेत्र का उपचार करने में ढिलाई दिखा रही है, जो गलत है। ज्ञापन में मुख्यमंत्री से आपदाग्रस्त क्षेत्र का ठोस व तकनीकी रूप से उपचार करने की मांग की गई है और ऐसा न होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी गई है। ज्ञापन प्रेषित करने वालों में गणेश जुयाल, शकुंतला देवी, कमला देवी, देवेश्वरी देवी, राजेंद्र सिंह, संजय सिंह, विनोद कुमार, मनोज कुमार, किरन देवी, बबीता देवी और सीता देवी सहित अन्य ग्रामीण शामिल रहे।