उत्तराखंड

मुआवजे व रोजगार को लेकर सौड़ गांव के ग्रामीण करेंगे आंदोलन

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नई टिहरी। रेलवे परियोजना प्रभावित सौड़ गांव के ग्रामीणों ने मुआवजा व रोजगार न मिलने पर कड़ा रोष जताया है। गुस्साए प्रभावितों ने शासन-प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।
नगर पालिका देवप्रयाग के सौड़ गांव में रेलवे परियोजना प्रभावितों ने मुआवजा व रोजगार नहीं दिए जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। प्रभावितों की ओर से नगर पालिका अध्यक्ष व सभासदों ने तहसीलदार के माध्यम से शासन-प्रशासन को मामले को लेकर ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन में प्रभावितों का कहना है कि रेलवे की ओर से स्थानीय बेरोजगारों की उपेक्षा करते हुए, मेरठ, दिल्ली, मुज्जफरनगर के लोगों को रोजगार दिया जा रहा है। जबकि परियोजना के लिए सौड़ गांव के लोगो ने अपनी भूमि, घर,फलदार पेड़ सभी दिए। लेकिन राजस्व विभाग पौड़ी व रेलवे की मिलीभगत से आज भी वह मुआवजे से वंचित है। कहा कि ग्रामीणों के मकान तोड़े गये, लेकिन उन्हें आज भी विस्थापित नहीं किया गया है। और ना ही उन्हें भूमि का मुआवजा मिला है। ग्रामीणों ने बताया कि रेलवे सुरंग व स्टेशन निर्माण कार्य स्थल पर अत्यधिक विस्फोट होने के कारण गांव के मकानों में दरारें पड़ चुकी है। इसको देखते सौड़ गांव को अन्यत्र शिफ्ट किए जाने की स्थिति बन गई है। प्राथमिक विद्यालय सौड़ के निकट रेलवे की निर्माण एजेन्सी की ओर से सीवर टैंक बनाए जाने से यहां उठती दुर्गन्ध से बच्चों व अध्यापकों का जीना मुश्किल हो गया है। इसके साथ ही कार्य स्थल पर वाहनों की आवाजाही से बढ़ते प्रदूषण से ग्रामीण भी बीमारी होने से आंशकित हैं। पालिकाध्यक्ष ष्ण कांत कोटियाल के अनुसार रेलवे की ओर से सीएसआर का बजट भी नगर पालिका को नहीं दिया गया है। जिस कारण यहां प्रतीक्षालय, स्कूल, रास्ते, सोलर लाइट आदि के नहीं बन पाए हैं। ग्रामीणों ने एक सप्ताह में समस्याओं का समाधान न होने पर 21 मार्च से जिला प्रशासन एवं रेलवे विभाग के खिलाफ धरना व क्रमिक अनशन शुरू करने की चेतावनी दी है। ज्ञापन देने वालों में सभासद अरुण मिश्रा, रूपेश गुसाईं, विकास ध्यानी, अर्जुन सिंह, राहुल कोटियाल आदि शामिल रहे।

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