उत्तराखंड

ग्रामीणों ने छह माह से बंद सड़क को श्रमदान कर खोला

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चमोली। गत वर्ष अगस्त माह में अतिवृष्टि से जगह-जगह अवरुद्घ पड़ी कनोल-टुरागाड (11़6 किमी) सड़क को खुलवाने के लिए ग्रामीणों ने पीएमजीएसवाई कर्णप्रयाग के अधिकारियों से कई बार गुहार लगाई, लेकिन सड़क को सुचारु नहीं किया गया। जिसके बाद ग्रामीणों ने विभाग को आइना दिखाते हुए स्वयं के संसाधनों से श्रमदान कर छह माह से बंद पड़ी सड़क को दो दिन में छोटे वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया। शनिवार को इस सड़क पर वाहन भी चले। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क अवरुद्घ होने से वे करीब तीन किलोमीटर पैदल आवाजाही कर रहे थे। जिसके चलते उन्हें जरुरी वस्तुओं की आपूर्ति खच्चरों से की जा रही थी, जिससे आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा था। नंदानगर विकासखंड के सुदूरवर्ती कनोल गांव के लोद भरतपुर तक सड़क सुविधा है। लेकिन आपदा के दौरान सड़क कई जगहों पर भूस्खलन से अवरुद्घ हो गई थी। सड़क पर पेड़, मलबा और बोल्डर आने से छोटे वाहनों की आवाजाही भी नहीं हो पा रही थी। ग्रामीणों ने पीएमजीएसवाई के अधिकारियों से भी कई बार सड़क खुलवाने की मांग की, लेकिन इस ओर कोई कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने विभाग को आइना दिखाने के लिए अपने-अपने घरों से फावड़े, कुदाल और बेलचा लेकर सड़क से मलबा हटा दिया, जबकि टूटे पेड़ों को काटकर सड़क से हटा दिया गया। जिसके बाद शुक्रवार से इस सड़क पर छोटे वाहनों की आवाजाही सुचारू हो गई। ग्रामीण जसपाल सिंह नेगी, यशवंत सिंह और वीरेंद्र सिंह फर्स्वाण ने बताया कि पीएमजीएसवाई विभाग की ओर से सड़क को खोलने में कोई दिलचस्पी नहीं ली गई। जिससे ग्रामीणों को अपने गंतव्य तक जाने में दिक्कतें उठानी पड़ रही थी। जिस कारण ग्रामीणों ने स्वयं ही सड़क को खोलने की ठानी और सड़क को सुचारू कर दिया।

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