उत्तराखंड

ग्रामीणों ने प्रस्ताव पारित कर विधान सभा चुनाव का किया बहिष्कार

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उत्तरकाशी। दो साल पहले आपदा से प्रभावित हुए मोरी ब्लक के आराकोट बंगाण क्षेत्र के कोठीगाड पट्टी के दो दर्जन गांव के ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधियों ने विधानसभा चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया है। आपदा प्रभावित ग्राम पंचायतों में इसका प्रस्ताव पारित करने के बाद बगांण संघर्ष समिति ने यह फैसला लिया।
रविवार को बगांण संघर्ष समिति की अध्यक्षता में मोरी ब्लक के आपदा प्रभावित गांव बलावट, चिंवा, मौण्डा, दुचाणु, किराणु, थुनारा, डामटी, आराकोट, टिकोची, जागटा, झोटाड़ी, धारा, गोकुल, बरनाली, डगोली, भामचा, माकुड़ी, उतिना, यराला भटारी, मलडी, मलाणा समेत 22 गांव के प्रतिनिधियों की टिकोची में बैठक हुई। बैठक में 22 गांव के स्याणों और नौ गांव के प्रधानों ने विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का प्रस्ताव पारित किया। समिति के पदाधिकारियों ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया। कहा कि आपदा से आराकोट, कोठी गाड क्षेत्र में षि, उद्यान, आवास षि भूमि और फसलों को काफी नुकसान होने के साथ ही जनहानि भी हुई थी। तब सरकार ने आपदा प्रभावितों से कई वादे किए। उन पर अभी तक अमल नहीं हो पाया है। जिससे ग्रामीणों में नाराजगी है। समिति की ओर से बताया गया कि विधान सभा चुनाव के विरोध को लेकर गांव-गांव में रायसुमारी लेकर प्रस्ताव पारित किये गए। चुनाव के दौरान किसी भी पार्टी के प्रतिनिधि को प्रभावित गांव में नहीं घुसने दिया जाएगा। समिति अध्यक्ष राजेंद्र नौटियाल, मनमोहन चौहान ने आरोप लगाया कि 18 अगस्त 2019 में आपदा से क्षेत्र में भारी नुकसान के चलते शासन के साथ ही स्थानीय प्रशासन ने डेरा डाले रखा। आपदा से हुए नुकसान की जल्द जांचकर मुआवजा देने की बात कही। दो-दो बार मुख्यमंत्री को मिलने के बाद भी दो वर्ष से आज तक केवल आश्वासन मिले। परिणाम स्वरूप ग्रामीणों को आज चुनावों का विरोध और बहिष्कार को मजबूर होना पड़ रहा है।

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