जल स्रोत बचाने को आगे आएं ग्रामीण
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। जल संरक्षण एवं जल संवद्र्धन के तहत विकासखंड कोट के कोटसाडा गांव में प्राकृतिक जल स्रोत बनाने के लिए अभियान चलाया गया। इस दौरान जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने आमजन से प्राकृतिक स्रोत बचाने के लिए आगे आने की अपील की। कहा कि समस्त विकासखंडो में भी इस तरह की कार्ययोजना तैयार की जाएगी, जिससे प्राकृतिक स्रोत को बचाया जा सकें।
जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में ऐसे प्राकृतिक स्रोतों का जिर्णोद्वार कर उसे एक नये रूप में विकसित किया जाएगा। जिससे स्थानीय लोगों तथा पर्यटकों को पीने के लिए शुद्ध पेयजल मिल सकेगा। कहा कि पर्यटन की दृष्टि से भी जल संवद्र्धन का कार्य किया जा रहा है तथा उस स्थान में पेयजल के साथ ही पौधों का रोपण भी किया जाएगा। जिससे स्थानीय लोग तथा बाहर से आने वाले पर्यटक वहां लुफ्त उठा सकेंगे। उन्होंने कहा कि जनपद के समस्त विकासखंड़ों में प्राकृतिक जल स्रोतों का संवद्र्धन व संरक्षण के लिए जीआईएस मैपिंग तथा उसके बाद कार्ययोजना तैयार कर कार्य किया जाएगा। जिससे स्थानीय लोग अपने खेतों में भी सिचांई कर सकेंगे। कनिष्ठ अभियंता लघु सिचांई अनिल कुमार त्रिपुरी ने बताया कि 15 वित योजना के अंतर्गत लगभग 01 लाख 65 हजार की लागत से जल संरक्षण एवं जल संवद्र्धन का कार्य किया गया। उन्होंने कहा कि कोट ब्लाक के कोटसाड़ा गांव में पिछले लंबे समय से प्राकृतिक स्रोत का पानी धीरे-धीरे कम होता जा रहा था इसी बीच उस पेयजल स्रोत का जिर्णोद्वार करने के लिए कार्ययोजना बनाई गयी। कहा कि पानी को संरक्षित करने के लिए टैंक बनाया गया, जिसमें पर्याप्त मात्रा में पानी एकत्रित होता है। जिससे कोटसाडा गांव के आस-पास गांवों को भी काफी फायदा मिला है। उन्होंने कहा कि ऐसे प्राकृतिक स्रोतों का चयन किया जा रहा है तथा उसपे भी इसी रूप में कार्य किया जाएगा, जिससे पानी बर्बाद होने से बच सकेगा तथा लोगों कोे पानी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।
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कैप्शन: जल संरक्षण एवं जल संवद्र्धन के तहत आयोजित कार्यक्रम में भाग लेते अधिकारी