उत्तराखंड

जमीन के लिए कलेक्ट्रेट में आमरण अनशन पर बैठे ग्रामीण

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नैनीताल। धारी के गुलियालेख गांव के पांच लोगों ने नैनीताल में डीएम दफ्तर पर अमारण अनशन शुरू कर दिया है। इन ग्रामीणों का आरोप है कि एक बाहरी व्यक्ति ने इलाके में उनकी 27 नाली जमीन पर कब्जा कर रखा है। तहसील कोर्ट में केस लगा है पर सुनवाई नहीं हो रही है। इसलिए उन्हें मजबूरन डीएम दफ्तर के सामने आमरण अनशन पर बैठना पड़ रहा है। हैरानी की बात है कि दो दिन से अनशन पर बैठे इन लोगों की ओर कलेक्ट्रेट प्रशासन का ध्यान भी नहीं गया है। पहाड़ में ग्रामीणों की जमीनों में लगातार विवाद बढ़ रहे हैं। पर तहसीलों में अधिकारी समस्याएं सुनने के बजाय केस की फाइलें बना दे रहे हैं। ऐसे ही एक मामले मे परेशान चल रहे धारी ब्लक के गुलियालेख गांव के ग्रामीणों ने डीएम दफ्तर पर आमरण अनशन शुरू कर दिया है। अनशन पर बैठे पीतांबर दत्त ने बताया कि उनकी 24 नाली जमीन की रजिस्ट्री और 27 माली नजूल भूमि पर हल्द्वानी के एक आदमी ने कब्जा कर रखा है। लंबे समय से एसडीएम कोर्ट में मामला चल रहा है। पर आरोपी के रसूख के कारण मामले की सुनवाई ही आगे नहीं बढ़ रही है। अब उनकी बात भी नहीं सुनी जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि उक्त व्यक्ति ने अपने रसूख के दम पर वन विभाग की 300 नाली जमीन पर भी कब्जा किया है। कई बार प्रशासन को शिकायत दर्ज करवाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इसलिए अब परेशान होकर उन्होंने अनशन पर बैठने का निर्णय लिया है। अनशन पर बैठने वालों में प्रकाश चंद, विनोद चंद्र पूरन चंद, उमेश चन्द्र ने कहा कि यदि पीतांबर दत्त को अनशन से उठाया जाता है तो वह अनशन पर बैठेंगे। परेशानियां इतनी हो गई हैं कि अब उन्हें दूसरा कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा।

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