उत्तराखंड

पुर्नवास-विस्थापन की मांग को लेकर ग्रामीणों का धरना शुरू

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नई टिहरी। पुनर्वास और विस्थापन की मांग को लेकर विभिन्न गांवों के ग्रामीणों ने सोमवार से पुनर्वास कार्यालय के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया है। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी मांगें न मानी तो पुनर्वास कार्यालय में तालाबंदी भी की जायेगी। सोमवार को पुनर्वास कार्यालय के समक्ष उरड, रौलोकोट, नंद्गांव, भल्डियाना के ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया है। ग्रामीणों ने कहा कि पुनर्वास व विस्थापन को लेकर लगातार देरी की जा रही है। सालों से लोग पुनर्वास व विस्थापन के लिए लगातार मांग कर रहे हैं, लेकिन इस ओर न तो टीएचडीसी ध्यान दे रही है, नहीं पुनर्वास विभाग की ओर ठोस पहल कर रहा है। जिससे ग्रामीणों को तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों की मांग है कि पुनर्वास व विस्थापन को लेकर ग्रामीणों पर एक ही नीती लागू की जाय। मांग कर रहे हैं कि समपाश्र्विक क्षतिनीती के तहत पात्रता निर्धारण की तिथि 2021 की जाय। जिस गांवों के 75 प्रतिशत परिवार विस्थापित हो रहे हैं। वहां पर शेष 25 प्रतिशत परिवारों का भी विस्थापन किया जाय। धरन पर बैठने वालों में सामाजिक कार्यकर्ता सागर भंडारी, सचिन नेगी, पुरूषोत्तम रावत, बुद्घि सिंह, बीना देवी, माया देवी, नारायणी देवी, नर्मदा देवी, बिंदा देवी, संगीता देवी, गोदाबरी देवी, सीमा देवी, उमा देवी, गुड्डी देवी, शीशपाल, सूरत सिंह आदि शामिल रहे।

 

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