गाजणा में ग्रामीणों ने खुद भांग की खेती नष्ट की

Spread the love

उत्तरकाशी। अवैध नशे को लेकर पुलिस की सख्ती के बाद डुंडा के गाजणा क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक गांव के ग्रामीणों ने भांग की खेती को खुद ही नष्ट किया है। साथ ही ग्रामीणों ने पुलिस को आश्वस्त किया है कि अब दोबारा प्रतिबंधित भांग की खेती नहीं करेंगे। प्रतिबंधित खेती के बहिष्कार करने का लिखित आश्वासन दिया। पुलिस ने इन गांवों में फ्लैगमार्च कर ग्रामीणों को नशे की अवैध खेती के खिलाफ व्यापक स्तर पर जागरुक किया। नशे के खिलाफ उत्तरकाशी पुलिस की उदयन मुहिम रंग ला रही है। बीते माह उत्तरकाशी पुलिस प्रशासन, वन विभाग की संयुक्त टीम द्वारा दूरस्थ क्षेत्र गाजणा पट्टी के सिरी व कोनगढ़ में छापेमारी कर बड़े स्तर उगाई गई प्रतिबन्धित भांग की खेती को नष्ट किया गया। इसके बाद अवैध खेती के विनिष्टीकरण की कार्यवाही में ग्रामीण स्वयं आगे आए हैं। एसपी अर्पण यदुवंशी ने बताया कि क्षेत्र के भड़कोट, सटियालधार, कमद, ठाण्डी, बागी, जालंग, कुमारकोट, नैपड़, पोखरियाल गांव, न्यूगांव, न्यूसारी, बड़ेथ, भैंत आदि गावों में ग्रामीणों ने अपने-अपने गांव व क्षेत्र में भांग की खेती को खुद ही नष्ट किया है। उक्त गांव के जनप्रतिनिधियों ने पुलिस को लिखित आश्वासन दिया है कि दोबारा भांग की खेती नहीं करेंगे।
प्रभारी निरीक्षक कोतवाली दिनेश कुमार के नेतृत्व में पुलिस व राजस्व की टीम ने धौंतरी बाजार समेत गाजणा के इन गांवों में फ्लैगमार्च भी किया। फ्लैगमार्च के दौरान नायब तहसीलदार धौंतरी शैलेन्द्र सिंह नाथ, एसआइ केदार सिंह चौहान, एसआइ दिलमोहन सिंह बिष्ट, एसआइ गीता, एसआइ सुश्री दीपशिखा, मनीष कवि आदि थे। एसपी ने बताया कि अभी तक जनपद के दूर-दराज के क्षेत्रों मे ग्रामीणों द्वारा पैदा की गयी करीब 1300 नाली भू-भाग पर अवैध भांग व अफीम की खेती को नष्ट किया जा चुका है। अवैध खेती करने वाले 22 भू-स्वामियों के विरुद्घ एफआईआर दर्ज की गयी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *