स्वयं सेवियों ने किया पथ संचलन, दिया संदेश
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: रिखणीखाल में राष्ट्रीय स्वयं संघ की ओर से पथ संचलन कर नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के आगमन का संदेश दिया गया। इस दौरान स्वयं सेवियों ने ग्रामीणों से बेहतर भारत निर्माण में अपना योगदान भी देने की अपील की। कहा कि भारत को मजबूत बनाने के लिए हम सभी को एकजुट होकर कार्य करना होगा।
रविवार को पथ संचलन तहसील से लेकर रिखणीखाल बाजार तक हुआ। इसमे 50 स्वंय सेवियों ने भाग लिया। संचलन कर रहे स्वयं सेवियों का ग्रामीणों ने जगह-जगह स्वागत भी किया। पौड़ी के सहविभाग कार्यवाह संजय ने कहा कि भारतीय संस्कृति प्रकृति के अनुसार चलने वाली संस्कृति है। भारतीय जीवन पद्धति भी ग्रह नक्षत्रों पर चलने वाली संस्कृति है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन धरती पर सूर्य का एक चक्र पूरा करती है। इसी समय प्रकृति में चारों तरफ हरियाली छा जाती है। चारों तरफ रंग विरंगे फूल खिल जाते है। प्रकृति नया श्रंगार करती है। सभी जीव जंतुओं, पशु पक्षियों में नए जीवन व प्रजनन का समय होता है। उन्होंने कहा कि चैत्र प्रतिपदा के दिन ही राजा विक्रमादित्य का जन्म हुआ। शकों व हूणों का समूल नाश करने वाले विक्रमादित्य ने इसी दिन विक्रम संवत की शुरूआत की। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की। भगवान श्री राम का राज्यभिषेक भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही हुआ।भारतीय बही खाते भी इसी नव वर्ष के आरंभ होते है। इस मौके पर खंड संचालक गमाल सिंह, खंड कार्यवाह संदीप केष्टवाल, खंड बौद्धिक प्रमुख संतोष, बृजमोहन, चंद्रशेखर ध्यानी, दिनेश अकेला, राजपाल, विकास मौजूद रहे।