ऋषिकेश। कौड़ियाला-मुनिकीरेती ईको टूरिज्म जोन में फिर से राफ्टिंग शुरू करने के लिए पर्यटन विभाग की तकनीकी समिति बुधवार को निरीक्षण करेगी। राफ्ट के माध्यम से मरीन ड्राइव से खारास्रोत तक गंगा में निरीक्षण किया जाएगा, जिसमें विशेषज्ञ के साथ ही गाइड भी शामिल होंगे। उम्मीद है कि 28 सितंबर से गंगा में रंग-बिरंगी राफ्ट दौड़ती नजर आएंगी। मानसून की शुरूआत के साथ ही गंगा में राफ्टिंग पर भी ब्रेक लगा हुआ है। अमूमन सितंबर के तीसरे सप्ताह में राफ्टिंग को शुरू कर दिया जाता है। पिछले साल पर्यटन विभाग ने 24 सितंबर से ही राफ्टिंग की इजाजत सर्वे के बाद थी। अगस्त और सितंबर में भारी बारिश के चलते सर्वे तकनीकी समिति नहीं कर पाई। अब पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने राफ्टिंग कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की, जिसमें यह तय हुआ कि 24 सितंबर को गंगा में राफ्टिंग के लिए निरीक्षण कर लिया जाए। मालूम हो कि, राफ्टिंग से ही मुनिकीरेती और आसपास क्षेत्र के सैंकड़ों परिवारों का घरबार चलता है। मुनिकीरेती क्षेत्र में राफ्टिंग के लिए गर्मियों में शौकीनों की भीड़ उमड़ती है। इनमें ज्यादातर पर्यटक हरियाणा, दिल्ली, एनसीआर, यूपी और अन्य राज्यों के होते हैं। साहसिक पर्यटन अधिकारी जसपाल चौहान ने बताया कि गंगा का फिलहाल स्तर 338.05 मीटर पर चल रहा है। तकनीकी समिति के सर्वे में गंगा का स्तर और व्यवहार राफ्टिंग अनुकूल सुरक्षित मिलता है, तो राफ्टिंग शुरू करने के लिए निर्णय लिया जाएगा। बताया कि कई चरणों में गंगा में राफ्टिंग की इजाजत होगी, जिसमें शुरूआत में ब्रह्मपुरी और इसके बाद फूलचट्टी से राफ्टिंग कराई जाएगी। इसके बाद अन्य स्थानों को लेकर भी सर्वे के बाद अनुमति दी जाएगी।