जोशीमठ के पुनर्वास को लेकर एनडीएमए की रिपोर्ट का इंतजार: सचिव आपदा
देहरादून। जोशीमठ भूंधसाव के बाद पुनर्वास प्लान बनाने को सरकार को एजेंसियों की रिपोर्ट का इंतजार है। नेशनल डिजस्टर मैनेजमेंट अथरिटी की रिपोर्ट आने के बाद पुनर्वास प्लान पर आगे बढ़ा जाएगा। सचिव आपदा रंजीत सिन्हा ने जोशीमठ में किसी भी तरह की 50 फुट गहरी दरारों से भी इंकार किया। साफ किया कि जोशीमठ में दरारों में बारिश का पानी न जाए, इसी के लिए पलिथीन बिछाई गई है।
सचिवालय मीडिया सेंटर में मीडिया से बात करते हुए सचिव आपदा रंजीत सिन्हा ने कहा कि एनडीएमए की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। एजेंसियां अपनी अपनी रिपोर्ट दे चुकी है। सभी एजेंसियों का अंतिम नतीजा कमोबेश एक समान होगा। उसी को कंपाइल कर एनडीएमए अपनी रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट आने के बाद ही पुनर्वास प्लान पर आगे बढ़ा जाएगा। ड्रेनेज, सीवरेज प्लान पर भी काम इसी रिपोर्ट के आने के बाद आगे बढ़ेगा। ताकि पता चल सके कि जोशीमठ की आपदा को लेकर क्या स्थिति रहेगी।
सचिव ने जोशीमठ में 50 फुट गहरी दरारों को सिरे से खारिज किया। कहा कि मौके पर दरारें हैं, लेकिन ऐसी भयावह स्थिति नहीं है, जैसी की दिखाई जा रही है। कहा कि ऊपर से देखने में दरारें सूखी नजर आ रही हैं। नीचे की ओर से दरारों में नमी है। रेतिली भूमि है। दरारें भी तीखे ढाल वाले क्षेत्रों में है। समतल भूमि वाले क्षेत्रों में दरारें नहीं हैं। उन्होंने कहा कि दरारों से नुकसान जरूर हुआ है, लेकिन इनसे जोशीमठ पूरी तरह नीचे नहीं धंसने वाला है। बताया कि अब जेपी कालोनी में निकलने वाले का श्राव 171 एलपीएम है। अब किराए पर रहने वालों की संख्या 37 से बढ़ कर 39 हो गई है। अंतरिम राहत के रूप में 3़84 करोड़ बांटा जा चुका है। राहत पैकेज पर अब सोमवार को बैठक होगी। इस अवसर पर अपर सचिव आनंद श्रीवास्तव भी मौजूद रहे।
हेलंग बाईपास को समिति की रिपोर्ट का इंतजार
सचिव ने कहा कि हेलंग बाईपास निर्माण को लेकर बीआरओ ने टीएचडीसी, एनएच, आईआईटी रुड़की की एक समिति बनाई है। ये समिति एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी। उसी के बाद हेलंग बाईपास को लेकर आगे तय होगा। हेलंग बाईपास का बदरीनाथ धाम के साथ ही सामरिक महत्व भी है। हेलंग बाईपास को बनाने में ढाई साल का समय लगेगा। जोशीमठ भूधंसाव के बाद की स्थिति पर भी नजर रखी जा रही है।
बदरीनाथ धाम यात्रा पर भी नजर
सचिव ने कहा कि मौजूदा हालात में हेलंग बाईपास जल्द पूरा होता नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में बदरीनाथ धाम के लिए एकमात्र विकल्प के रूप में जोशीमठ वाली ही सड़क है। ऐसे में चार धाम यात्रा के तहत बदरीनाथ धाम पहुंचने वाले श्रद्घालुओं के लिए क्या स्थिति रहेगी, इसे भी आगे चल कर तय किया जाएगा।