वामपंथियों ने किया कृषि कानूनों का विरोध

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नई टिहरी। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) की अपील पर क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह के 114 वीं जयंती के अवसर पर मोदी सरकार के लाये गये कृषि अध्यादेशों सहित सरकार के तमाम कृषक व जनविरोधी कदमों के खिलाफ जिला कौंसिल किसान सभा ने विरोध दर्ज किया। जिला सचिव अखिल भारतीय किसान सभा भगवान सिंह राणा ने कहा कि यह अध्यादेश किसानों के लिए काले कानून हैं। इसके साथ ही मोदी सरकार बहुराष्ट्रीय कम्पनी परस्त व कार्पोरेट परस्त कदमों में डीजल-पेट्रोल के दाम व करों में वृद्धि और नया बिजली कानून 2022 को भी विरोध किया जाता है। विरोध स्वरूप जगह-जगह पर वामपंथियों ने विरोध स्वरूप धरना दिया। कहा कि यह कानून आम जनता और किसानों की परेशानियों को बढ़ाने वाले साबित होंगे। वाम दलों ने विरोध करते हुये कहा कि हम साम्प्रदायिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता को कायम रखते हुए इस व्यापक जनआंदोलन को मोदी सरकार के कृषि क्षेत्र को भी कार्पोरेट के हवाले करने की मुहिम को परास्त करने तक विश्राम नहीं करेंगे। किसान विरोधी काले कानूनों की, जिसके द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य एवं कृषि बाज़ार छीनना, ठेका और कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग के तहत किसानों की जमीन छीनना व आवश्यक वस्तु अधिनियम कानून में संशोधन कर दलहन, तिलहन, अनाज, आलू, प्याज आदि की जमाखोरी की इजाजत देकर उपभोक्ताओं व किसानों को लूटने का रास्ता खोल दिया है। हरियाणा और पंजाब के किसानों ने शहीदे आजम भगत सिंह और लाला लाजपत राय की धरती इन कानूनों को विरोध शुरू कर दिया है।

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