इंदौर से अपशिष्ट प्रबंधन के गुर सीखकर वापस लौटा अधिकारियों का दल
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के गुर सीखने इंदौर गया उत्तराखंड के 14 अधिकारी-कर्मचारियों का दल लौट आया है। दल का कहना है कि इंदौर चार साल की कड़ी मेहनत के बाद देश में स्वच्छता का मॉडल बना है। वहां जिला प्रशासन व नगर निगम प्रशासन ने जनता के सकारात्क सहयोग से यह मुकाम पाया है। दल ने अध्ययन व भ्रमण रिपोर्ट तैयार का निदेशक पंचायतीराज को सौंप दी है।
ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के अध्ययन व भ्रमण के लिए उत्तराखंड से एक दल इंदौर गया था। दल में उधमसिंह नगर, हरिद्वार, पौड़ी, अल्मोड़ा देहरादून सहित विभिन्न जिलों से जिला पंचायत राज अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी, एडीओ पंचायत, विशेषज्ञ ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, बैंक अधिकारी-कर्मचारी शामिल थे। दल ने पांच दिवसीय भ्रमण के दौरान जीरो वेस्ट वार्ड सैफी नगर, गीले कचरे से बनने वाली गैस प्लांट चोइथराम मंडी, गारवेज ट्रांसफर स्टेशन, देवगुराड़िया में बने ड्राय वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट, स्वाहा वाहन, नापतोल कैप्सूल (टैंक), सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट सहित विभिन्न व्यवस्थाओं का अध्ययन किया। दल में शामिल जिला पंचायत राज अधिकारी पौड़ी एमएम खान ने बताया कि नगर निगम के 78 वार्डों को स्वच्छता की दृष्टि से 19 जोन में बांटा गया है। प्रत्येक जोन में एक नोडल अधिकारी नियुक्त है। कहा कि शहर की स्वच्छता व्यवस्था की निगरानी के लिए डीएम व नगर आयुक्त प्रत्येक 15 दिन में बैठक लेते हैं। उन्होंने बताया कि दल अध्ययन व भ्रमण की रिपोर्ट निदेशक पंचायतीराज को सौंप दी गई है। दल में एएमए बागेश्वर अनिष्का, डीपीआरओ उधमसिंहनगर विद्या सिंह सोमनाल, स्टेट हेड इंडसइंड बैंक संदीप सेमवाल, संजय गुप्ता, हिमांशु पटवाल, कंचन नेगी, उदयराम, जगत सिंह, रविंद्र पाल सिंह आदि शामिल हैं।