उत्तराखंड

जल संरक्षण को गंभीर प्रयास जरूरी

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

पिथौरागढ़। गंगोलीहाट। हिमालयन विकास समिति की तरफ से उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र देहरादून के सहयोग से जल संवर्धन विषय पर कार्यशाला हुई। इस दौरान वैज्ञानिकों ने घटते जलस्तर को लेकर चिंता जताई। कहा जल संरक्षण को प्रयास नहीं किए गए तो भविष्य में सभी को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
मंगलवार को गंगोलीहाट में हुई कार्यशाला में देश भर के वैज्ञानिक जुटे। पंतनगर विश्विद्यालय के प्रो़ पीएस महर ने कहा पृथ्वी पर मौजूद जल का तीन प्रतिशत पानी ही पीने योग्य है। लेकिन इसका जलस्तर भी लगातार घट रहा है जो चिंताजनक है। कहा जल संरक्षण के लिए गंभीरता से प्रयास करने की जरूरत है। तभी भविष्य में मानव जीवन की कल्पना संभव है। इसके लिए पेड़ लगाकर जंगलों का विकास ही एकमात्र विकल्प है। सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य भीम सिंह कोरंगा ने कहा पानी का जीवन से गहरा संबंध है। चौड़ी पत्ती वाले पौधों को विकसित कर जल संरक्षण किया जा सकता है। वक्ताओं ने कहा ऊंचे स्थानों पर जल संरक्षण के कार्यों को गंभीरता से धरातल पर उतारने की जरूरत है।
ये रहे शामिल- ममता बोरा, सुनील भट्ट, सूरज बनकोटी, गोविंद भंडारी, राजेंद्र बोरा, दरपान राम, कल्याण सिंह धानिक, मनोज वर्मा, नवीन लाल, धन सिंह राणा, बालाराम, सुंदर राठौर, नारायणी देवी, मंजू बनकोटी, दर्पण कुमार।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!