देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि सरकार ने पहले किसानों से तेजपत्ता के पौधे लगवाए। अब जब वह पेड़ बन गए हैं, तब उनकी मार्केटिंग नहीं हो पा रही है। किसानों ने तीन-तीन साल से पत्ते रोककर रखे हैं, लेकिन कोई खरीददार नहीं मिल रहा है। अल्मोड़ा जिले में स्थिति अपने गांव मोहनरी पहुंचे पूर्व सीएम ने सोशल मीडिया में वहां के किसानों की व्यथा साझा की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015-16 में हमारी सरकार ने यहां आसपास के गांवों व्यापक स्तर पर तेजपत्ता के पौधे लगवाए थे। कुछ क्षेत्रों को तेजपत्ता गांव के रूप में घोषित भी किया था। यदि यही स्थिति रही तो सरकार जिन चीजों का प्रचार कर रही है, यदि उनके खरीददार नहीं रहेंगे, तो फिर लोग कैसे आगे बढ़कर इन चीजों को लगाने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि यह अकेले तेजपत्ते की मार्केटिंग की बात नहीं है, बल्कि हम जितनी चीजों को प्रचारित कर रहे हैं, यदि उनकी वैकल्पिक मार्केट की व्यवस्था नहीं होती है, बाजार नहीं मिलता है तो पूर्व में की गई सारी मेहनत बेकार हो जाएगी।