उत्तराखंड

शालिग्राम-तुलसी विवाह के साथ सीमांत में शादियों का सीजन शुरू

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पिथौरागढ़। सीमांत में शालिग्राम-तुलसी विवाह के साथ शादियों का सीजन शुरू हो गया है। मंगलवार को एकादशी पर जगह-जगह महिलाओं ने पूजा-अर्चना कर विधिवत शालिग्राम-तुलसी विवाह संपन्न कराया। नगर के केदार पुनेड़ी में आयोजित कार्यक्रम के दौरान महिलाओं ने गीत, भजन व तुलसी नामाष्टक सहित विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ किया। बाद में पूरे रीति-रिवाज से तुलसी वृक्ष से शालिग्राम का विवाह कराया गया। स्थानीय गीता पुनेड़ा ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवउठनी एकादशी पर भगवान शालिग्राम संग तुलसी विवाह का बहुत ही विशेष महत्व होता है। चार महीने की योगनिद्रा के बाद जब प्रभु जागते हैं तो उस दिन सभी देवी-देवता मिलकर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। भगवान विष्णु के जागने पर चार महीने से रुके हुए सभी तरह के मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाते हैं। बताया कि इस दिन भगवान शालिग्राम संग तुलसी विवाह किया जाता है। ऐसा करने पर वैवाहिक जीवन में आ रही बाधाएं खत्म होती है और जिन लोगों के विवाह में रुकावटें आती हैं वह भी दूरी हो जाती है। शास्त्रों के अनुसार तुलसी-शालिग्राम का विवाह करने पर कन्यादान के बराबर का पुण्य लाभ मिलता है। यहां पुष्पा पुनेड़ा, अनीता पुनेड़ा, रेनू पुनेड़ा, ज्योति पुनेड़ा, नीलम पुनेड़ा, अन्नू पुनेड़ा आदि मौजूद रहीं।

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