मुनव्वर राना का अजीबोगरीब बयान, कहा- मेरा बाप मुस्लिम था, लेकिन मां थीं या नहीं इसकी गारंटी नहीं लेता
नई दिल्ली, एजेंसी। जीवनभर मां पर कविताएं लिखने वाले मशहूर शायर मुनव्वर राना ने अजीबोगरीब बयान दिया है। उन्होंने यूपी में बीजेपी द्वारा पासमांदा मुस्लिमों को जोड़ने के लिए हुए सम्मेलन पर बयान दिया, जिसमें उन्होंने अपनी मां तक का जिक्र कर दिया। मुनव्वर राना ने कहा कि वह इस बात की गारंटी लेते हैं कि उनके पिता मुसलमान थे, लेकिन इस बात की गारंटी नहीं लेते कि उनकी मां भी मुसलमान थीं।
एक निजी चौनल से बातचीत के दौरान जब मुनव्वर राना से बीजेपी के पसमांदा सम्मेलन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पसमांदा का मतलब समाज में पिछड़े हुए लोग होते हैं। इस्लाम में पसमांदा का कोई अर्थ नहीं था। अरब में भी कोई जाति के बारे में नहीं जानता था, लेकिन जब हिंदुस्तान आए तो इस रंग में रंग गए।
इसी दौरान उन्होंने आगे अजीबोगरीब उदाहरण देते हुए कहा, श्श्मैं बहुत ईमानदारी से कहता हूं कि मेरा बाप मुसलमान था, इसकी मैं गारंटी लेता हूं। लेकिन मेरी मां भी मुसलमान थीं, इसकी गारंटी नहीं ले सकता। क्योंकि मेरा फर्स्ट फादर जो इंडिया में आया, चाहे समरकंद, अफ्रीका, अरब या कहीं से भी आया हो, वह फौज के साथ आया था और फौजें बगल में बीवियां लेकर नहीं चलतीं। ऐसे में मां भी मुसलमान थीं, इसकी गारंटी नहीं ले सकता।श्श्
मशहूर शायर ने आगे कहा कि फर्स्ट फादर यहां आए तो अपने तौर-तरीके व अच्छी विचारधारा से पूरे देश में फैलते चले गए। इसके बाद यहां के ठुकराए लोगों ने उन लोगों को देखा कि ये किस तरह के लोग हैं तो फिर इस्लाम कबूल करना शुरू कर दिया।
हालांकि, यह कोई पहली बार नहीं है, जब मुनव्वर राना ने विवादित और अजीबोगरीब बयान दिया हो। इससे पहले भी वह कई बार विवादित बयान दे चुके हैं। कुछ महीने पहले उन्होंने ज्ञानवापी मामले में सर्वे कराए जाने से नाराज जज के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल कर दिया था। उन्होंने तंज कसते हुए कहा था कि जज ने जो कह दिया वही सही। वह भगवान से भी बड़े हैं। हालांकि, इसके बाद उनकी भाषा बदल गई और अपशब्द कहने लगे।