पीएचडी की अनिवार्यता समाप्त करने का स्वागत
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: बीएड प्रशिक्षित युवा संघ ने असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिये पीएचडी की डिग्री की अनिवार्यता समाप्त करने पर देश के शिक्षा मंत्री व यूजीसी का आभार व्यक्त करते हुए इस फैसले का स्वागत किया है।
संघ की बैठक में प्रवक्ता अरविन्द दुदपुड़ी ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य के विश्वविद्यालयों में बड़ी संख्या में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद रिक्त चल रहे हैं। अब पीएचडी की अनिवार्यता समाप्त होने से राज्य के नेट सेट पास युवा इन पदों पर आवेदन कर सकते हैं। कहा कि राज्य में विगत छह वर्षों से राज्य पात्रता परीक्षा यू सेट का आयोजन नही हो पाया है और राज्य के युवा इस परीक्षा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं ताकि उन्हें भी राज्य के विश्वविद्यालयों और राजकीय डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने का अवसर प्राप्त हो सके। बैठक की अध्यक्षता संघ अध्यक्ष डॉ. अजय खंतवाल व संचालन स्वाती कंडवाल ने किया। बैठक में संजना, पूनम अधिकारी, नीरज कुमार, प्रदीप सिहं, नवीन गौड़, शिवानी, अर्चना, शुभम नेगी,संध्या, विकास शाह,आयशा और रुचि नेगी आदि उपस्थित रहे।