आजकल के दौर में क्या हो रहा इंसान..
माँ मायादेवी ग्रुप की ओर से किया गया वर्चुअल महिला कवि सम्मेलन
अच्छी रचनाओं के सृजन को अध्ययन जरूरी
जयन्त प्रतिनिधि।
श्रीनगर। माँ मायादेवी ग्रुप की ओर से वर्चुअल माध्यम से महिला कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि गढ़वाल विवि के फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर में कार्यरत एवम प्रसिद्ध कवियत्री डॉ. कविता भट्ट ने कोरोनाकाल में इस तरह के कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इससे नवोदित कवियत्रियों को भी मंच मिला है। हमें निरन्तर प्रयास करते रहना चाहिए, अच्छी रचनाओं के सृजन के लिए अध्ययन अति आवश्यक है।
कवि सम्मेलन में डॉ. कविता भट्ट ने उसके पास भूख थी मगर रोटी नहीं थी.., कविता की प्रस्तुति दी। इसके साथ ही शिक्षिका आरती पुंडीर ने कोरोनाकाल में उपजी परिस्तिथियों पर..आजकल के दौर में क्या हो रहा इंसान, कांधे पे ख़ुद की लाश को ढो रहा इंसान.., अनीता काला ने माँ कैकी च…, राधा मैंदोली ने चंदा छुप जा बादलों में चाँदनी रह जाने दे.., भारती जोशी ने कत्ल कर बैठा हूं साहब सजा चाहता हूं.., कमला उनियाल ने ऐ मन तू क्यूँ व्यथित है क्यूं भ्रमित.. प्रीति सेमवाल ने छोड़ो नशा ये एक भ्रम है..,कविता का पाठ किया। संचालन माँ मायादेवी ग्रुप की साईनी कृष्ण उनियाल ने किया। इस मौके पर ग्रुप लीडर कमला उनियाल, प्रीति सेमवाल, उपासना भट्ट, सुशील सेमवाल, मुकेश लखेड़ा, महेश गिरी, संध्या नौटियाल आदि मौजूद रहे।