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एकसाथ पहुंचे दोनों के शव तो मचा कोहराम, तिरुपति बालाजी यात्रा के दौरान हुआ था हादसा

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मेरठ, तिरुपति बालाजी जाते समय सडक़ हादसे में बेटे-बहू को खोने वाले टीपीनगर के कमलानगर निवासी कृष्ण अवतार गोयल के घर आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। आज दोपहर जैसे ही दोनों के शव उनके आवास पर पहुंचे तो कोहराम मच गया।इससे पहले गुरुवार को दिनभर संवेदना प्रकट करने के लिए परिचितों-रिश्तेदारों का आना-जाना लगा रहा। बुजुर्ग माता-पिता की हालत देखकर लोग समझ नहीं पा रहे कि बुजुर्ग दंपती को ढांढस बंधाएं तो कैसे। मां रो-रोकर बार-बार बहू और बेटे को याद कर रही हैं। तिरुपति बालाजी से दोनों शवों को लेकर परिजन रात को फ्लाईट से बंगलूरू एयरपोर्ट पहुंच गए। शुक्रवार सुबह 11 बजे हवाई जहाज से दंपती के शवों को दिल्ली लाया गया, जिसके बाद परिजन शवों को कार से मेरठ लेकर पहुंचे। कमलानगर निवासी कारोबारी आशीष गोयल (37) और उनकी पत्नी ज्योति गोयल (36) और सात वर्षीय बेटे शिवेन के साथ तिरुपति बालाजी दर्शन करने जा रहे थे। फ्लाईट से बंगलूरू पहुंचने के बाद मंगलवार देर रात को वे दोस्त की नेक्सन कार से तिरुपति के लिए चले थे।तिरुपति बालाजी मंदिर से 12 किमी पहले चित्तूर के पागला थाना क्षेत्र में सुबह करीब साढ़े तीन बजे उनकी कार आगे चल रहे ट्रक में साइड से घुस गई थी। आशीष और ज्योति आगे की सीट पर थे, दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। पिछली सीट पर बैठा शिवेन बच गया। मौत की सूचना पर बुधवार सुबह आशीष के छोटे भाई वैभव, ममेरा भाई आयुष और साला मनीष आंध्र प्रदेश पहुंच गए। भाई वैभव ने बताया कि गुरुवार को शवों का पोस्टमार्टम हुआ, जिसके बाद आज शव घर लाए गए।शुक्रवार सुबह की फ्लाइट से वह शवों को लेकर दिल्ली लाया गया। दोपहर डेढ़ बजे तक मेरठ पहुंचे। पिता कृष्ण अवतार गोयल और माता आशा गोयल बेसुध हैं। घर में इतना गमगीन माहौल है कि कोई किसी को ढाढ़स बंधाने की स्थिति में भी नहीं है। वहीं आज जब पति पत्नी के शव एकसाथ घर पहुंचे तो कॉलोनी के लोग भी जमा हो गए। हर कोई परिजनों के दुख में शामिल होकर उन्हें सांत्वना देता नजर आया।
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