वंदे भारत से लेकर शताब्दी तक, घंटों की देरी से क्यों चल रहीं कई ट्रेनें; 60 से ज्यादा रद्द

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नई दिल्ली। पंजाब में चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण जम्मू-कश्मीर में रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। ट्रेनें अपने निर्धारित समय से घंटों की देरी से चल रही हैं। दरअसल शंभू और खनौरी सीमाओं पर अपने आंदोलन के सिलसिले में तीन किसानों को गिरफ्तार किया गया था। अब उनकी रिहाई की मांग को लेकर शंभू रेलवे स्टेशन के पास पटरियों पर किसानों का एक समूह धरना दे रहा है। इस धरन को शुक्रवार को एक महीना पूरा हो गया। वहीं इस इलाके में चल रहे किसान आंदोलन को 22 मई को 100 दिन पूरे हो जाएंगे।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) और एसकेएम (गैर-राजनीतिक) के बैनर तले 17 अप्रैल को धरना शुरू किया गया था। बीकेयू (शहीद भगत सिंह, हरियाणा) के प्रवक्ता तेजवीर सिंह ने कहा, एक महीना बीत गया लेकिन हरियाणा सरकार ने हमारी मांगों पर गौर करने की जहमत तक नहीं उठाई। वे किसानों को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं।ह्
150 से अधिक ट्रेनों को अन्य मार्गों से डायवर्ट किया जा रहा
हालांकि, अंबाला रेलवे मंडल कार्यालय के अनुसार, पंजाब और हरियाणा के बीच पड़ने वाले शंभू रेलवे स्टेशन पर धरने के कारण, प्रतिदिन लगभग 69 ट्रेनें रद्द की जा रही हैं और 150 से अधिक ट्रेनों को अन्य मार्गों से डायवर्ट किया जा रहा है, जिससे ट्रेनें देरी से चल रही हैं। वंदे भारत और शताब्दी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें भी रोजाना चार से आठ घंटे की देरी से चल रही हैं।रिपोर्ट के मुताबिक, लुधियाना निवासी अमनप्रीत सिंह ने कहा कि यह सरकारी अधिकारियों और किसान यूनियनों दोनों के लिए आम जनता के बारे में सोचने का सही समय है। हर कोई अपनी डेस्टिनेशन तक पहुंचने के लिए कैब का खर्च नहीं उठा सकता। इसके अलावा रेल रोको के कारण सड़क पर ट्रैफिक भी बढ़ गया है।केएमएम समन्वयक सरवन पंधेर ने कहा, ह्लहरियाणा सरकार ने हमारे युवा किसानों पर मामला दर्ज किया और फिर उन्हें झूठे मामलों में गिरफ्तार कर लिया। जब हम आवाज उठा रहे हैं तो वे हमारी बात सुन ही नहीं रहे हैं। हम कभी भी रेल पटरियों पर नहीं बैठना चाहते थे, लेकिन अगर हमारी मांगें नहीं सुनी गईं तो हम क्या कर सकते हैं?ह्व

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