राहुल गांधी ने क्यों कहा- जातियों का आंकड़ा जारी करें मोदी, कर्नाटक चुनाव में क्या होगा इसका असर?

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नई दिल्ली , एजेंसी। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी ने जाति आधारित जनगणना का मुद्दा उठा दिया है। इसके बाद से सियासत के केंद्र में रहने वाले लिंगायत-वोक्कालिगा के साथ पिछड़ी जातियों की भी चर्चा तेज हो गई है। कर्नाटक की चुनावी रैली में राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2011 की जाति आधारित जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक करने की भी चुनौती दी।
राहुल ने कर्नाटक में जातीय जनगणना पर क्या-क्या कहा? राहुल गांधी के बयान का कर्नाटक के चुनाव में कितना असर पड़ेगा? कर्नाटक की राजनीति में पिछड़ी जातियों का कितना असर है? आइये जानते हैंङ्घ
राहुल गांधी ने रविवार को कर्नाटक में पहली चुनावी रैली की। राहुल ने इस दौरान कहा, ‘यूपीए ने 2011 में जाति आधारित जनगणना की। इसमें सभी जातियों के आंकड़े हैं। प्रधानमंत्री जी, आप ओबीसी की बात करते हैं। उस डेटा को सार्वजनिक करें। देश को बताएं कि देश में कितने ओबीसी, दलित और आदिवासी हैं।’
राहुल ने आगे कहा कि अगर सभी को देश के विकास का हिस्सा बनना है तो प्रत्येक समुदाय की आबादी का पता लगाना जरूरी है। कृपया जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी करें ताकि देश को पता चले कि ओबीसी, दलितों और आदिवासियों की जनसंख्या कितनी है। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं, तो यह ओबीसी का अपमान है। आरक्षण पर से 50 प्रतिशत की सीमा को हटा दें।

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