कोरोना के बढ़ते मामलों की जानकारी देने से क्यों कतरा रहा चीन ? दुनियाभर में बढ़ी चिंताएं
बीजिंग, एजेंसी। चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस ने अपना प्रचंड रूप धारण कर लिया है और कोरोना ने सबसे ज्यादा तबाही भी चीन में ही मचाई है। इसके बावजूद चीन कोरोना के बारे में जानकारी साझा नहीं कर रहा है। जिसकी वजह से भारत समेत दुनिया के कई देश चिंतित हैं। नवंबर 2019 से फैले कोरोना वायरस के बारे में चीन ने कोई जानकारी साझा नहीं की है। जिसकी वजह से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कोरोना ने जिस प्रकार से पहली बार तबाही मचाई थी, क्या 3 साल बाद कोरोना का नया वेरिएंट वैसी ही तबाही मचाएगा।
भारत, अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान और इटली ने चीन से आने वाले यात्रियों के लिए कोरोना टेस्टिंग अनिवार्य कर दिया है। वहीं ताइवान का कहना है कि चीन में महामारी की स्थिति पारदर्शी नहीं है। ऐसे में वायरस की जानकारी पर हमारी सीमित पकड़ है और वह सटीक नहीं है।
चीनी सरकार एक तरफ कोरोना संक्रमण को लेकर जानकारी साझा करने से कतरा रही है। दूसरी तरफ सभी लोगों के साथ एक जैसा व्यवहार करने को कह रही है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि कई देशों ने चीन से आने वाले यात्रियों के लिए अपनी नीतियों में बदलाव किया है। उन्होंने कहा कि सभी देशों के लोगों के साथ समान व्यवहार होना चाहिए।
जर्मनी का कहना है कि उनके पास कोई संकेत नहीं है कि चीन में फैले कोरोना वायरस ने और खतरनाक रूप धारण किया है। लेकिन वो मौजूदा स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं। यूरोपीय संघ भी स्थिति का आंकलन कर रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन भी कह चुका है कि चीन में फैले प्रकोप की गंभीरता पर और अधिक जानकारी की आवश्यकता है। आपको बता दें कि किसी भी देश के पास चीन में फैले कोरोना के नए वेरिएंट के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं है। लेकिन ट्रैक रिकर्ड को देखकर ऐसा कहा जा सकता है कि नया स्ट्रेन विकसित हो गया है।
चीन ने इस महीने की शुरुआत में तेजी के साथ कई प्रतिबंधों को वापस ले लिया। जिसके बाद वहां की स्थिति भयावह हो गई और वायरस तेजी से फैल गया। जिसकी वजह से सर्दी-जुखाम की दवाओं की कमी हो गई। अस्पतालों और क्लीनिकों में लंबी-लंबी लाइनें लगने लगीं। आलम ऐसा है कि श्मशान घाटों में भी शवदाह के लिए लोगों को भारी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
चीनी राज्य मीडिया ने वहां की स्थिति के बारे में जानकारी नहीं दी। और तो और सरकारी अधिकारियों ने पश्चिमी मीडिया पर स्थिति को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने का आरोप लगाया। चीन पर पहले भी कोरोना वायरस को छिपाने के आरोप लगे हैं।