उत्तराखंड

ग्राम सभाओं को अल्मोड़ा नगर पालिका में नहीं होने देंगे शामिल, करेंगे विरोध

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अल्मोड़ा।अल्मोड़ा नगर के आसपास की 25 ग्राम सभाओं को अल्मोड़ा नगर निगम में शामिल करने की सुगबुगाहट के साथ ही विरोध भी शुरू हो गया है। सोमवार को ग्राम सभाओं के पंचायत प्रतिनिधियों ने परिसीमन के विरोध में प्रदर्शन किया। सोमवार को पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा एक आम बैठक की गई, जिसमें कहा गया कि सरकार द्वारा जबरन पच्चीस ग्राम सभाओं को नगर पालिका में शामिल करने का जो प्रस्ताव रखा गया है उस तुगलकी फरमान के खिलाफ समस्त पंचायत प्रतिनिधियों में भारी रोष व्याप्त है। यदि शासन द्वारा ग्राम सभाओं को जबरन नगरपालिका या निगम में मिलाने की कोशिश की गई तो समस्त ग्राम सभाओं की जनता और जनप्रतिनिधि हर स्तर पर इसका कड़ा विरोध करेंगे। पूर्व प्रधान हरीश कनवाल ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर ग्रामीण क्षेत्रों को नगर निगम में शामिल कर भारी भरकम टैक्स वसूलने की जो साजिश रची जा रही है इसे किसी भी सूरत में कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी मुश्किल से जिला पंचायत कार्य कर रही है, गांव के विकास और सुदृढ़ीकरण के लिए पंचायतों द्वारा कार्य किया जा रहे हैं। ऐसे में नगर निगम में ग्रामीण क्षेत्रों को शामिल कर टैक्स के नाम पर भारी भरकम शुल्क लगाने की कवायद बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि नगर निगम में शामिल करने से पहले ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिकी, भौगोलिक परिस्थिति एवं धरातलीय परिस्थिति का गहनता से अध्ययन कर लेना चाहिए। यहाँ बैठक में क्षेत्र पंचायत सदस्य हितेश नेगी, पूर्व प्रधान हरीश कनवाल, नवीन सिंह, विपिन बिष्ट, हेम भंडारी, विनोद लटवाल, किशन बिष्ट, पिंकी बिष्ट, हंसा मर्तोलिया, शेर सिंह लटवाल, महेंद्र सिंह रावत, मदन बिष्ट सहित ग्राम प्रधान, पूर्व प्रधान और पंचायत प्रतिनिधि शामिल रहे।

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