घंटाकर्ण देवता की जात में सुख-शांति के लिए की कामना
जयन्त प्रतिनिधि।
श्रीनगर गढ़वाल। लोस्तु पट्टी के घंटाकर्ण देवता में चल रही पूर्ण कुंभीय जात का मंगलवार को विधि विधान के साथ समापन हो गया। नौ दिनों तक चले अनुष्ठान में विभिन्न गांवों के लोगों ने यहां पहुंचकर भगवान घंटाकर्ण देवता से सुख-शांति का आशीष लिया। जात के समापन पर देव-निशानों के साथ पश्वाओं ने घंडियालधार से देवगढ़ी गांव के लिए प्रस्थान किया।
12 वर्ष बाद आयोजित जात के समापन अवसर पर अनुष्ठान में विशेष सहयोग देने वाले सभी लोगों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर मंदिर समिति के अध्यक्ष सते सिंह भंडारी ने कहा कि घंटाकर्ण देवता की जात क्षेत्रवासियों की एकता का प्रतीक है। जिस वजह से नौ दिनों का अनुष्ठान बेहतर ढंग से संपंन हो पाया। उन्होंने घंटाकर्ण पहुंचे सभी श्रद्धालुओं का आभार प्रकट किया। इस मौके पर उप व्यवस्थापक राकेश बत्र्वाल ने देवता की जात को भव्य रूप से संपंन कराने वाले सभी लोगों का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि इस बार मंदिर में बड़ी संख्या में लोगों द्वारा घंटियां से लेकर चांदी के छत्र चढ़ाये गये। पालिका अध्यक्ष पूनम तिवारी, आशा घिल्डियाल ने पहुंचकर घंटाकर्ण का आशीवार्द लिया। इस मौके पर डॉ. बीरेन्द्र बत्र्वाल, रामेश्वर बत्र्वाल, सरोप सिंह भंडारी, दर्शन सिंह भंडारी, धर्म सिंह भंडारी, राजेन्द्र बत्र्वाल, अर्जुन सिंह मेहरा, सरोप सिंह मेहरा, कुंदन भंडारी, आनंद भंडारी, डॉ. दर्मियान भंडारी आदि मौजूद थे।