डीडीए स्थगित होने और कोविड कफ्र्यू के दौरान निर्माण कार्य हुए तेज, अवैध कनेक्सनों से हो रहा पानी का इस्तेमाल
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। शासन द्वारा जिला विकास प्राधिकरण (डीडीए) स्थगित किये जाने के बाद नगर निगम कोटद्वार क्षेत्र में निजी निर्माण कार्य तेज हो गये है। कोविड कफ्र्यू का लाभ उठाते हुए जहां कुछ लोग पुराने मकानों की मरम्मत कर रहे वहीं नये मकान निर्माण की भी बाढ़ सी आ गई है। इस दौरान लोग अवैध कनेक्सनों से पानी का इसतेमाल कर पाइप लाइन सहित अन्य योजनाओं को भी नुकसान पहुंचा रहे है। जिस कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
कोटद्वार नगर पालिका को नगर निगम का दर्जा देने के साथ ही सरकार ने यहां जिला विकास प्राधिकरण (डीडीए) स्थापना कर दी थी। जिसके बाद लोगों को भवन निर्माण के लिए जिला विकास प्राधिकरण से नक्शा पास करना होता था। जिसमें तमाम शर्तें लागू होने के कारण लोगों को नये भवन निर्माण के लिए जहां आर्थिक दिक्कतें आ रही थी वहीं इस प्रक्रिया को पूरा करने में समय की भी बर्बादी हो रही थी। जिस कारण कई लोगों के लिए तो नया भवन तैयार करना एक सपना साबित हो रहा था। लेकिन प्रदेश में मुख्यमंत्री बदलने के साथ ही शासन स्तर से जिला विकास प्राधिकरण स्थगित करने की घोषणा कर दी गई थी तथा 2016 से पहले की स्थिति को बहाल कर दिया था। कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र से जिला विकास प्राधिकरण (डीडीए) स्थगित होने और कोविड कफ्र्यू लगने के बाद क्षेत्र में एकाएक निर्माण कार्यों की बाढ़ आ गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग से लेकर गली मोहल्लों तक में तेजी से भवन निर्माण कार्य चल रहे है। इस दौरान लोग सरकारी योजनाओं को भी नुकसान पहुंचा रहे है। ऐसा ही एक मामला बेला डाट पदमपुर में देखने को मिला है। जहां भवन निर्माण के दौरान पाइप लाइन को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने से लोगों के घरों में पर्याप्त मात्रा में पेयजल नहीं पहुंच पा रहा है। जिस कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले में स्थानीय लोगों द्वारा शिकायत की गई थी, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।