नदियों में सिल्ट आने से पेयजल संकट मंडराने लगा
बागेश्वर। मई में औसतन बारिश अच्छी होने के बाद किसान खरीफ की फसल के लिए खेत तैयार करने लगे हैं। वहीं, कत्यूर घाटी में अभी गेहूं की फसल कटी नहीं है, जिसके कारण यह बारिश किसानों के लिए नुकसानदायक भी है। गुरुवार की रातभर बारिश हुई और नदियों में सिल्ट आने से पेयजल संकट भी मंडराने लगा है। जिले में एक सप्ताह से लगातार दोपहर बाद बारिश हो रही है। गत गुरुवार की रातभर बारिश हुई। हालांकि सुबह मौसम खुला, फिर दोपहर बाद आसमान पर बादल छा गए। इससे बारिश के आसार बने हुए हैं। कपकोट में पिछले 12 घंटे में 20 एमएम बारिश रिकार्ड की गई। यह अब तक इस माह हुई सबसे अधिक बारिश है। नदियों में सिल्ट आने से पेयजल योजनाएं भी प्रभावित होने लगी हैं जिससे लोगों को पानी के लिए प्राकृतिक स्त्रोतों का रुख करना पड़ रहा है। दुग नाकुरी क्षेत्र में ओलावृष्टि होने से काश्तकारों की फसल बर्बाद हो गई है। किसान तेज सिंह, मान सिंह, धरम सिंह, कमल सिंह, पार्वती देवी ने बताया कि कद्दू, लौकी, करेला, खीरा आदि की बेल टूट कर गिर गई हैं। वहीं, सड़कों पर भी मलबा आने से भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। इधर, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि मौसम विभाग के अनुसार दस मई तक हल्की बारिश, उच्च हिमालयी क्षेत्र में बर्फबारी आदि के आसार बने हुए हैं।
नदियों का जलस्तर: सरयू-865.00मीटर, गोमती-862.00मीटर
बारिश का आंकड़ा: बागेश्वर-5.00एमएम, गरुड़-14.00एमएम, कपकोट-20.00एमएम