महिला दिवस महिलाओं के संघर्षों का प्रतीक
हल्द्वानी। प्रगतिशील महिला एकता केंद्र ने अंतरराष्ट्रीय श्रमिक महिला दिवस के साप्ताहिक कार्यक्रम का आयोजन किया। बुद्घ पार्क, तिकोनिया में हुई सभा में कार्यक्रम में प्रगतिशील भोजनमाता संगठन, परिवर्तनकामी छात्र संगठन और क्रांतिकारी लोक संगठन के कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। इस मौके पर आरती ने कहा कि महिला दिवस मेहनतकश महिलाओं के अधिकारों के संघर्षों का प्रतीक है। इसे मजदूर-मेहनतकश, समाजवादी महिलाओं ने संघर्षों के बाद हासिल किया है। इस दिन गिफ्ट देना, होटलों में भोजन कराना जैसे आयोजन संघर्षों के इतिहास से काट रहे हैं। महासचिव रजनी ने कहा कि महिलाओं के साथ में टेड़खानी, बलात्कार, हिंसा की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। इनके लिए पितृसत्तात्मक मूल्य व मान्यताएं जिम्मेदार हैं। महिला हिंसा के इन कारणों को पूंजीवादी व्यवस्था अपने मुनाफे के लिए बनाकर रखना चाहती है। पछास के महासचिव महेश ने कहा कि महिला अधिकारों और सामाजिक संघर्षों का लंबा इतिहास है। उत्तराखंड में महिलाओं ने चिपको, नशा नहीं रोजगार दो और उत्तराखंड आंदोलन में बढ़-चढ़कर भागीदारी की। टीकाराम पांडे ने कहा कि आज महिलाएं, छात्र-नौजवान, मजदूर, किसान परेशान हैं। ऐसे में हम सबको एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए आगे आना होगा। कार्यक्रम में हेमा, दीपा, भगवती, हेमा, चंपा गिनवाल, सरिता, ष्णा, मनीषा, भावना महेश, टीकाराम, उमेश, चंदन, विनोद, रियासत, रईस आदि मौजूद रहे।