नहीं माने किसान, आंदोलन जारी, आज होगी महापंचायत
-कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के ऐलान के बाद भी नहीं माने किसान
-कहा, अन्य समस्याओं का भी किया जाए निस्तारण, 26 को दिल्ली की सीमाओं पर जुटेंगे किसान
नई दिल्ली, एजेंसी: दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों का आंदोलन फिलहाल खत्म होने वाला नहीं है। रविवार को दिल्ली-हरियाणा की सीमा पर स्थित सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक हुई। जिसमें आंदोलन को जारी रखने पर सहमति बनी। यही नहीं 22 नवंबर यानी आज लखनऊ में किसानों की महापंचायत करने का फैसला लिया गया है। किसान संगठनों का कहना है कि एक तरफ लखनऊ में महापंचायत होगी तो वहीं आंदोलन के एक साल पूरा होने के मौके पर 26 नवंबर को दिल्ली की सीमाओं पर किसान जुटेंगे। इस मौके पर किसानों की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा जाएगा।
पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर किसानों के दूसरे मुद्दों पर बात की जाएगी। इस पत्र में किसानों के मुद्दों पर बातचीत की अपील की जाएगी। किसान आंदोलन जारी रहेगा या फिर समाप्त हो जाएगा, इसे लेकर फैसला अब 27 नवंबर को होने वाली बैठक में लिया जाएगा। बता दें कि किसान नेता राकेश टिकैत ने भी पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से तीन नए कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान के बाद कहा था कि आंदोलन तत्काल समाप्त नहीं होगा। राकेश टिकैत ने कहा था कि अभी हमारी एमएसपी कानून बनाने और बिजली कानून को वापस लिए जाने की मांग बाकी है।
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29 नवंबर को संसद तक निकाला जाएगा मार्च
किसानों के रवैये से साफ है कि अभी दिल्ली की सीमाओं पर सड़कों का जाम खुलने वाला नहीं है और लोगों को पहली की तरह ही फिलहाल परेशानी का सामना करना पड़ेगा। सिंघू सीमा पर किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, हमने कृषि कानूनों के वापस लिए जाने पर चर्चा की। इसके बाद कुछ फैसले लिए गए हैं। 22 तारीख को लखनऊ में किसान पंचायत होगी, 26 तारीख को सभी सीमाओं पर सभा और 29 नवंबर को संसद तक मार्च निकाला जाएगा। इसके अलावा उन्होंने कहा, “आगे की रणनीति तय करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा 27 नवंबर को एक और बैठक करेगा।
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