उत्तराखंड

जल स्रोतों के पुनर्जनन व गुणवत्ता संवर्धन पर कार्यशाला आयोजित

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अल्मोड़ा। राजकीय आदर्श इंटर कलेज हवालबाग में मंगलवार और बुधवार को उत्तराखंड साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर देहरादून के सहयोग से जल स्रोतों के पुनर्जनन व गुणवत्ता संवर्धन पर दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में मुख्य अतिथि प्रसिद्घ पर्यावरणविद प्रो. जीवन सिंह रावत रहे। उन्होंने जल स्रोतों के पुनर्जनन की अवधारणा को विस्तार से बताते हुए इसे लेकर तमाम उपाय भी बताए। उन्होंने बताया कि किस तरह चाल खाल खंती बनाकर बारिश से प्राप्त होने वाले जल को भूमिगत किया जा सकता है। प्रो़ रावत ने उडियारी नौले के पुनर्जनन के उपाय किए जाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। विशिष्ट अतिथि प्रधान वैज्ञानिक विवेकानंद पर्वतीय षि संस्थान के ड़ सुरेश चंद्र पांडे ने जल की महत्ता पर प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि राजकीय बालिका इंटर कलेज अल्मोड़ा की प्रधानाचार्य सावित्री टम्टा ने जल स्रोतों के पुनर्जनन के लिए इस तरह की कार्यशाला को सार्थक बताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य ड़ डीडी तिवारी ने की। कार्यक्रम समन्वयक व प्रवक्ता ड़क कपिल नयाल ने कार्यशाला की अवधारणा को बताते हुए कहा कि आने वाले समय में पेयजल की कमी सबसे बड़ी समस्या के रूप में सामने आने वाली है। उन्होंने बताया कि उडियारी नौले के पुनर्जनन के लिए विद्यार्थियों की ओर से कार्य किया जाएगा। उन्होंने लोगों से भी इस काम में सहयोग का आह्वान किया। द्वितीय सत्र में विकासखंड के विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों के बीच निबंध , भाषण , पोस्टर व मडल प्रतियोगिता कराई गई।
ये रहे मौजूदरू कार्यशाला में राजेश बिष्ट, ड़ दीप प्रकाश जोशी, ड़ दीपेश टम्टा, ड हेम चंद्र तिवारी, ड़ ललित जलाल, प्रियंका , नवनीत कुमार पांडे, संजय कुमार पांडे, टीडी भट्ट, प्रदीप सलाल, प्रमोद पांडे, सुनीता बोरा, भगवत बगडवाल, बीएल यादव, धन सिंह धौनी, कमलेश जोशी,भावना वर्मा, मोनिका जोशी, सुमन पाठक, नवीन वर्मा, संजय मेहता आदि मौजूद रहे।

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