जड़ीबूटी व सगंध पौध उत्पादन पर हुई कार्यशाला आयोजित
बागेश्वर(आरएनएस)। विकासखंड गरुड़ स्थित सीमैप शोध केंद्र पुरड़ा में जड़ीबूटी व सगंध पौध उत्पादन पर आधारित कार्यशाला आयोजित हुई। जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने कार्यशाला का शुभारंभ दीप जलाकर किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के आर्थिक विकास में औषधीय एवं सगन्ध पौधों का महवपूर्ण स्थान है। यह पर्वतीय राज्य आदि काल से ही पौधों में प्रातिक रूप से समृद्घ रहा है। औषधीय एवं सगन्ध पौधों का संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक विकास हेतु वृहद स्तर पर कलस्टर के रूप में षिकरण किया जाना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा यह कार्यशाला अपने उद्देश्यों में सफल होगी। जनपद में औषधीय एवं सगन्ध पौधों के षिकरण के विकास के साथ-साथ इससे संबंधित विभागों व क्षेत्रों के लिए भी लाभकारी सिद्घ होगी। नये षिकों को बाजार की उपलब्धता तथा बाजार दर आदि को ध्यान में रखते हुए जड़ी-बूटी का षिकरण प्रारम्भ करना चाहिए, जिससे उनकी आर्थिकी मजबूत होगी। सरकार ने इसके विकास के लिए नीति बनाई है। यह कार्यशाला औषधीय एवं सगन्ध पौधों के षिकरण में सहायक होगी। उन्होंने संबंधित विभागों से अधिक से अधिक लोंगो को जड़ी-बूटी व सगंध पौध उत्पादन के लिए जागरूक करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने षकों को पहाड़ की जलवायु में उगाई जाने वाली जड़ी बूटियों में मूल्य संवर्धन करके इसे आजीविका का नया साधन बनाने के बारे में सुझाव दिया गया। मुख्य विकास अधिकारी आरसी तिवारी द्वारा उपस्थित षकों को इंटीग्रेटेड फार्मिंग से जुड़ने के लिए कहा गया। कार्यशाला में सिमैप के प्रभारी ड़ आरसी पडलिया ने सीमैप की विभिन्न गतिविधियों, तकनीकी अधिकारी ने औषधीय एवं सगंध पौधों की खेती के बारे में बताया। ड़ दीपेन्द्र कुमार एवं ड़ वी वेंकटेश केटी ने कैमोमाइल व आरेगैनो की विस्तृत खेती के बारे में अवगत कराया। समापन के दौरान षकों को उत्पाद बनान की ट्रेनिंग भी दी। कार्यशाला में परियोजना निदेशक शिल्पी पंत, जिला विकास अधिकारी संगीता आर्या, ज्येष्ठ ब्लक प्रमुख हरीश मेहरा, लीड बैंक अधिकारी एनआर जौहरी, मुख्य षि अधिकारी गीतांजलि बंगारी, जिला उद्यान अधिकारी आरके सिंह मौजूद रहे।