जयन्त प्रतिनिधि।
श्रीनगर : बडियारगढ़ के दालढुंग में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में व्यास सुरेंद्र प्रसाद कोठियाल ने कहा कि भक्तों की पुकार सुनते ही भगवान दौड़ कर चले आते हैं। यह पुकार हृदयस्थल के तल की गहराइयों से निकली होनी जरूरी है। उन्होंने कहा कि श्रद्धा और विश्वास से ही प्रभु का स्पर्श मिल सकता है। कृष्ण-सुदामा की कथा के प्रसंग को सुनाते हुए वह कहते हैं कि सुदामा का श्रीकृष्ण के प्रति मन से पूर्ण श्रद्धा और विश्वास था। अभावों में रहते हुए भी उन्होंने भक्ति भाव का परित्याग नहीं किया। उन्होंने कथा श्रवण करने पहुंचे श्रद्धालुओं को भगवान की भक्ति करने एवं अपने पाल्यों को अच्छे संस्कार देने के लिए प्रेरित किया।