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जीतने लायक नहीं बचे धरना दे रहे पहलवान, उम्र पार हुई तो जूनियर्स का हक मार रहे: बृजभूषण सिंह

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नई दिल्ली , एजेंसी। भारतीय कुश्ती संघ (हाक) के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह इन दिनों विवादों में घिरे हैं। उन पर पहलवानों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। हालांकि, बृजभूषण ने इन आरोपों का खंडन किया है और खुद को बेकसूर बताया है। हाक अध्यक्ष ने बताया है कि धरना दे रहे पहलवान अब खेलने लायक नहीं बचे हैं और उनके खेलने की उम्र खत्म हो चुकी है, तो अब जूनियर खिलाड़ियों का हक मार रहे हैं और घरेलू टूर्नामेंट्स नहीं होने दे रहे।
बृजभूषण शरण सिंह ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा, ”जिन अध्यक्ष के घर आप आते थे, शादी में बुलाते थे, परिवार में आते थे। घुल-मिलकर रहते थे, जैसे एक परिवार हों। तब आपने कोई गोपनीय शिकायत नहीं की। आपको तब सारी दिक्कत हो जाती है, जब मैं एक पॉलिसी लेकर आता हूं। ओलंपिक में कौन जाएगा, कौन नहीं जाएगा, ये नियम बनाता हूं, तब आपको तकलीफ होती है। कुश्ती में सामान्य परिवार के बच्चे आते हैं। कहीं न कहीं उनके माता-पिता अपनी जरूरतों में कटौती करके बादाम-घी का इंतजाम करते हैं। वे उम्मीद रखते हैं कि बेटा नेशनल, इंटरनेशनल खेलेगा। मैं आपको बताना चाहता हूं कि जिस मोदी जी की आज ये निंदा कर रहे हैं, जिस योगी जी की आज ये निंदा कर रहे हैं, दुनिया का कोई देश खिलाड़ियों को इतनी सहूलियत या पैसा नहीं देता, जितना हमारा देश देता है। कई देश तरसते हैं कि काश, हमें भारत से मौका मिलता।”

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