उत्तरकाशी()। दीपोत्सव और अन्नकूट पर्व के अवसर पर यमुनोत्री धाम में भक्ति और उत्सव का अनोखा संगम देखने को मिल रहा है। मां यमुना की शीतकालीन यात्रा की तैयारियों के तहत यमुनोत्री धाम और खरसाली गांव स्थित यमुना मंदिर को करीब 11 कुंतल फूलों से भव्य रूप से सजाया जा रहा है। यमुनोत्री मंदिर समिति के प्रवक्ता पुरुषोत्तम उनियाल ने जानकारी दी कि यमुनोत्री धाम में स्थित मां यमुना मंदिर की सजावट की जिम्मेदारी यमुनोत्री मंदिर समिति ने संभाली है, जबकि खरसाली गांव में स्थित शीतकालीन गद्दी स्थल यमुना मंदिर को पुरोहित महासभा द्वारा सजाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि दोनों ही स्थानों पर मां यमुना की विदाई और स्वागत समारोह की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। जहां यमुनोत्री धाम में भक्त मां यमुना की भव्य विदाई के साक्षी बनेंगे, वहीं खरसाली गांव में मां यमुना की अगवानी के लिए भक्तगण पूरी श्रद्धा और उत्साह से तैयारी कर रहे हैं। मां यमुना के मंदिरों की सजावट में गेंदा, गुलाब, रजनीगंधा, कमल और स्थानीय फूलों का प्रयोग किया जा रहा है। मंदिर प्रांगण दीपों, झालरों और फूलों से ऐसा सजा है मानो धरती पर स्वर्ग उतर आया हो। मंदिर समिति के अनुसार, 23 अक्तूबर को यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए विधिवत रूप से बंद किए जाएंगे, जिसके बाद मां यमुना की डोली यात्रा पारंपरिक ढोल-दमाऊं और भजन-कीर्तन के साथ खरसाली गांव के लिए प्रस्थान करेगी। इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु यमुनोत्री धाम पहुंच रहे हैं। हर ओर “जय मां यमुना” के जयघोष गूंज रहे हैं और पूरा क्षेत्र भक्ति, पुष्प और आस्था की खुशबू से महक उठा है।