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योग दिवस स्पेशल -रोजाना करें सूर्य नमस्कार और प्राणायाम, हमेशा रहेंगे फिट

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कोरोना काल की वजह से इस बार सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखकर ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ मनाया जा रहा है। ‘योग दिवस’ के दिन हम आपको सूर्य नमस्कार और प्राणायाम को करने के फायदे के बारे में बताएंगे।
21 जून का दिन पूरी दुनिया में ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। हर बार की तरह इस बार के योग दिवस की भी थीम है- ‘योग के साथ रहें, घर पर रहें।’ साल दर साल योग का महत्व लोगों के बीच और बढ़ा है..खासकर कोरोना काल में। योग ना केवल आपकी सेहत को अच्छा बनाता है बल्कि आपके मन को भी शांत रखने में मदद करता है। योग दिवस के दिन कई देशों में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और लोगों को योग करने को लेकर जागरूक किया जाता है। कोरोना काल की वजह से इस बार सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखकर ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ मनाया जा रहा है। ‘योग दिवस’ के दिन हम आपको सूर्य नमस्कार और प्राणायाम को करने के फायदे के बारे में बताएंगे। इन्हें जानने के बाद आप भी रोजाना योग करना शुरू कर देंगे।
सूर्य नमस्कार
एनर्जी लेवल बढ़ाने में मददगार
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
पाचन तंत्र बेहतर रहता है
शरीर में लचीलापन आता है
स्मरण शक्ति मजबूत होती है
वजन बढ़ाने के लिए कारगर
शरीर को डिटॉक्स करता है
त्वचा में निखार आता है
तनाव की समस्या दूर होती है
शीर्षासन के फायदे
तनाव और चिंता दूर होती है
आत्मविश्वास, धैर्य और निडरता बढ़ती है
1. कपालभाति
कपालभाति को प्राणायाम के अंतर्गत नहीं माना जाता है। हालांकि कपालभाति रोजाना करने से हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को दूर किया जा सकता है। जानिए कपालभाति को किस तरह से करना चाहिए।
कपालभाति को करने के लिए सबसे पहले सुखासन में बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें।
अब दोनों नथुना से गहरी सांस भीतर की ओर लें।
अब सांस को बाहर की तरफ छोड़ दें।
इस बात का ध्यान रहे कि सांस को बल पूर्वक बाहर निकालना है और आराम से भीतर लेना है। इस तरह से कम से कम 20 बार ऐसा करें।
कपालभाति के फायदे
रोजाना सुबह शाम कपालभाति करने से हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को दूर किया जा सकता है।
मन को शांत रखता है।
थायराइड की समस्या से निजात दिलाता है।
सिगरेट की लत से छुड़ाने में मददगार है कपालभाति।
जिन लोगों को सिगरेट पीने की लत हो जाती है तो उनके फेफड़े ब्लॉक हो जाते हैं। कपालभाति की मदद से फेफड़े की ब्लॉकेज को सही कर सकता है।
कपालभाति से क्रॉनिक लिवर, क्रॉनिक किडनी और फैटी लिवर की समस्या दूर होती है।
हैपेटाइटिस की समस्या को भी कपालभाति दूर करने में मददगार है।
2. अनुलोम विलोम
सबसे पहले आराम से बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें। ध्यान रहे कि इस मुद्रा में आपकी रीढ़ की हड्डी एकदम सीधी होनी चाहिए।
अब बाएं हाथ की हथेली को ज्ञान की मुद्रा में बाएं घुटने पर रखें।
इसके बाद दाएं हाथ की अनामिका यानि कि हाथ की सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नथुना पर रखें। अब अंगूठे को दाएं वाले नथुना पर लगा लें। इसके बाद तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें।
अब बाएं नथुना से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। फौरन ही दाएं नथुना से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। अब दाएं नथुना से सांस भरें और अंगूठे से उसे बंद कर दें। इस सांस को बाएं नथुना से बाहर निकाल दें। अनुलोम विलोम का यह पूरा एक राउंड हुआ। इसी तरह के कम से कम 5 बार ऐसा करें।
अनुलोम विलोम के फायदे
तनाव को कम करता है।
कफ से संबंधित समस्या को दूर करता है।
मन को शांत करता है जिससे एकाग्रता बढ़ती है।
दिल को स्वस्थ रखता है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करता है।
3. भस्त्रिका
इस प्राणायाम को 3 तरह से किया जाता है। पहले में 5 सेकंड में सांस ले और 5 सेकंड में सांस छोड़े। दूसरे में ढाई सेकंड सांस लें और ढाई सेकंड में छोड़ें।
तीसरा तेजी के साथ सांस लें और छोड़े।
इस प्राणायाम को लगातार 5 मिनट करें।
फायदे
इस प्राणायाम को रोजाना करने से हाइपरटेंशन, अस्थमा, हार्ट संबंधी बीमारी, टीवी, ट्यूमर, बीपी, लिवर सिरोसिस, साइनस, किसी भी तरह की एनर्जी और फेफड़ों के लिए अच्छा माना जाता है।
भस्त्रिका करने से शरीर में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ जाता है। जिसके कारण कैंसर की कोशिकाएं मर जाती हैं।
4. उज्जायी प्राणायाम
गले से सांस अंदर भरकर जितनी देर रोक सके उतनी देर रोके।
इसके बाद दाएं नाक को बंद करके बाएं नाक के छिद्र से छोड़े।
फायदे
मन शांत रहता है, अस्थमा, टीबी, माइग्रेम, अनिद्रा आदि समस्याओं से दिलाएं निजात।
5. भ्रामरी प्राणायाम
इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं।
अब अंदर गहरी सांस भरते हैं।
सांस भरकर पहले अपनी उंगुलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 उंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं।
अंगूठे से कान को बंद करते हैं। मुंह को बंदकर ‘ऊं’ का नाद करते हैं।
इस प्राणायाम को 3-21 बार किया जा सकता है।
फायदे
इस आसन को करने से तनाव से मुक्ति के साथ मन शांत रहेगा।
उद्गीथ के फायदे
स्मरण शक्ति बढ़ती है
मन और दिमाग को शांत करता है
नींद ना आने की समस्या में राहत दिलाता है
कब्ज और एसिडिटी की समस्या में राहत
एकाग्रता को बढ़ाता है
शीतरी के फायदे
इस आसन को करने से मन शांत होगा
तनाव, हाइपरटेंशन के साथ-साथ एसिडिटी से निजात मिलेगा
डिप्रेशन के लिए रामबाण है
गुस्से को कम करता है
शीतकारी के फायदे
तनाव कम करने में मददगार
चिंता को दूर भगाने में सहायक
रक्तचाप कम करता है

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