संस्कार परिवार की ओर से योगाचार्य, आध्यात्मिक गुरु आचार्य बिपिन जोशी ने कोरोना योद्धा डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को सम्मानित
आयुर्वेद और एलोपैथ का विवाद खत्म हो: जोशी
देहरादून। योगगुरु बाबा रामदेव और आईएमए में वार-पलटवार के बीच शुक्रवार को दून से बेहतरीन संदेश दिया गया। संस्कार परिवार की ओर से योगाचार्य, आध्यात्मिक गुरु आचार्य बिपिन जोशी ने कोरोना योद्धा डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को सम्मानित किया। आईएमए ब्लड बैंक में हुए कार्यक्रम में सभी ने एलौपैथी और आयुर्वेद एवं योग के बूते मिलकर कोरोना को हराने का संकल्प लिया। आचार्य बिपिन जोशी ने कहा कि यह बहुत मुश्किल वक्त है और यह बयानबाजी का समय नहीं। डॉक्टर-मेडिकल स्टाफ जोखिम के बीच काम कर रहे हैं। एलौपैथी के साथ योग का भी योगदान है। इसलिए मतभेद और संवादहीनता नहीं होनी चाहिए। आईएमए के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं केंद्रीय समिति के सदस्य डॉ. डीडी चौधरी ने कहा कि योगा एक साइंस है, विधा है और समाज का अंग है। इसके बारे में भ्रमित किया जा रहा है। कर्म भी योगा है। योगा कभी खत्म नहीं हो सकता। बाबा रामदेव ने जो कहा, उन्हें नहीं कहना चाहिए था। समाज में संगठित होकर काम करना चाहिए। सिनर्जी अस्पताल के निदेशक डॉ. कृष्ण अवतार ने कहा कि योग वास्तव में भक्ति का दूसरा नाम है। योग सबके लिए है। जिनका कोई विवेक नहीं, वे खुद विद्वान बने बैठे हैं। उनसे उलझकर कोई फायदा नहीं। सबको मिलकर काम करना होगा। संस्कार परिवार देहरादून और दून योगपीठ के कार्यक्रम में डॉक्टरों को रुद्राक्ष माला, हरकीपैड़ी के पवित्र गंगा जल कलश, कुंभ का प्रसाद, श्रीरामचरितमानस और पुष्प माला भेंट की गई। यहां डॉ. कृष्ण अवतार, पूर्व आईएमए अध्यक्ष डॉ. बीएस जज, दून मेडिकल कॉलेज की पैथोलॉजी विभाग की प्रभारी डॉ. शशि उप्रेती, ब्लड बैंक निदेशक डॉ. संजय उप्रेती, डॉ. सिद्धार्थ खन्ना, डॉ. गौरव लूथरा, डॉ. सौरभ लूथरा, आईएमए जिलाध्यक्ष डॉ. अमित सिंह और मेडिकल स्टाफ से अजीत सिंह और सिस्टर विभूति को डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के प्रतिनिधि के रूप में सम्मानित किया गया। इस दौरान योगाचार्य विनय प्रकाश, योग साधक राजीव अरोड़ा भी मौजूद रहे।