दुष्कर्म के दोषी युवक को 10 वर्ष की कैद
हरिद्वार । मानसिक रूप से कमजोर महिला के घर में घुसकर दुष्कर्म करने के मामले में एडीजेध्एफटीएससी न्यायाधीश कुमारी कुसुम शानी ने आरोपी युवक को दोषी पाया है। एफटीएस कोर्ट ने दोषी युवक को 10 वर्ष की कठोर कैद और 11 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
शासकीय अधिवक्ता भूपेंद्र चौहान ने बताया कि 31 अक्टूबर 2019 की रात में श्यामपुर क्षेत्र के गांव में घर पर अकेली मानसिक रूप से कमजोर महिला के साथ दुष्कर्म करने की घटना हुई थी। पीड़ित महिला के शोर मचाने पर पड़ोसी दो महिला व पुरुष मौके पर पहुंचे थे। पड़ोसियों ने पीडित महिला को उसके कब्जे से टुड़ाया था। मौका पाकर आरोपी युवक वहां से भाग गया था। अगले दिन गांव में रहने वाली पीड़िता की छोटी बहन को घटना की सूचना मिली थी। जिसपर की पीड़ित महिला की दूसरी बहन शिकायतकर्ता ने आरोपी सुमित पुत्र पूर्णचन्द्र निवासी थाना श्यामपुर के खिलाफ घर में घुसकर दुष्कर्म करने का केस दर्ज कराया था। पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। मामले की विवेचना के बाद विवेचक ने आरोपी युवक के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। शासकीय अधिवक्ता ने सरकार की ओर से आठ गवाह पेश किए।
मजिस्ट्रेट कोर्ट में पीड़िता के बयान घटना के बाद पुलिस ने मानसिक रूप से कमजोर व सही ढंग से नहीं बोलने की स्थिति में पीड़ित महिला ने कोर्ट में अपने टूटे फूटे शब्दों में धारा 164 सीआरपीसी के बयान दर्ज कराए गए थे। साथ ही एक महिला चश्मदीद गवाह के बयान भी कोर्ट के सामने हुए थे। वीसी के माध्यम से आरोपी की शिनाख्त कोर्ट में गवाही के दौरान विचारण कोर्ट ने पीड़िता को एक अजनबी युवक को वीसी के माध्यम से दिखाया गया। जिसे देखकर पीड़िता ने आरोपी होने से इंकार किया था। इसके बाद विचारण कोर्ट ने जिला जेल रोशनाबाद में निरुद्घ आरोपी को वीडियो कन्फ्रेंसिंग से दिखाया, जिसे देखकर पीड़ित महिला ने उसे पहचाना था। मानसिक कमजोर व सही ढंग से न बोलने के बाद भी सक्षम साक्षी विचारण कोर्ट ने माना कि पीड़ित के मानसिक रूप से कमजोर होने और सही ढंग से न बोल पाने के बावजूद पीड़िता ने अभियोजन पक्ष व बचाव पक्ष के प्रश्नों का जवाब दिया। कोर्ट में साक्ष्य के दौरान पीड़िता अपने साथ हुई घटना को महसूस करती दिखाई देती है। अर्थदंड की राशि जमा न करने पर छह माह की अतिरक्ति सजा एफटीएस कोर्ट ने आरोपी युवक पर 11 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड की धनराशि जमा नहीं कराने पर आरोपी युवक को छह महीने का अतिरक्ति कारावास भुगतने के भी आदेश दिए हैं। पीड़िता को आर्थिक सहायता देने के आदेश एफटीएस कोर्ट ने पीड़िता के लिए बतौर उचित प्रतिकर राशि निर्भया प्रकोष्ठ से दिलाने के आदेश दिए हैं। साथ ही,उक्त निर्णय की एक प्रति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में भेजने के लिए कहा है।